ग्रेटर नोएडा, 5 मई — ऐमनाबाद गांव की अधिसूचित भूमि (खसरा संख्या 286) पर कथित रूप से अवैध रूप से जोड़े गए बिजली कनेक्शन को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की चुप्पी अब संदेह को जन्म दे रही है। इस प्रकरण को सामने आए तीन सप्ताह हो चुके हैं, लेकिन न कोई जांच शुरू हुई, न ही बिजली कनेक्शन काटा गया।
इस मामले की शुरुआत 14 अप्रैल को हुई जब भारत न्यूज़ 360 टीवी ने इस ज़मीन पर बिना वैध NOC के जोड़े गए बिजली कनेक्शन का खुलासा किया। इसके बाद 26 अप्रैल को रिपोर्ट का दूसरा भाग प्रसारित किया गया, जिसमें संबंधित विभागों की प्रतिक्रिया और NPCL (नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड) का पक्ष सामने आया।
NPCL ने साफ किया कि उन्हें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा NOC प्रदान की गई थी, और उसी के आधार पर उन्होंने बिजली कनेक्शन दिया। जबकि दस्तावेज़ी रिकॉर्ड बताते हैं कि इससे पहले इसी भूमि की फाइल को वर्क सर्किल-3 के प्रोजेक्ट विभाग ने खारिज कर दिया था।
प्रश्न यह उठता है कि जब प्रारंभ में NOC देने से इनकार किया गया था, तो कुछ समय बाद अचानक लैंड डिपार्टमेंट की ‘आख्या’ के आधार पर यह कनेक्शन कैसे स्वीकृत हुआ? और वह अधिकारी कौन है जिसने यह अनुमति दी?
सूत्रों के अनुसार, स्थानीय लोगों की शिकायतों और दस्तावेज़ी सबूतों के बावजूद प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी अब तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दे पाए हैं। न ही कोई जाँच समिति गठित हुई, और न ही ज़मीन पर जारी बिजली कनेक्शन को रोका गया।
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि यह मामला केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि उच्चस्तरीय मिलीभगत का संकेत है। उनके अनुसार, आम नागरिकों को एक साधारण NOC के लिए महीनों कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं, जबकि कुछ ‘चयनित’ मामलों में फाइलें चुपचाप स्वीकृत हो जाती हैं।
भारत न्यूज़ 360 टीवी ने प्राधिकरण से यह सीधा सवाल किया है —
अगर यह कनेक्शन वैध है, तो उसकी प्रक्रिया सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही?
और अगर यह अवैध है, तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
इस रिपोर्ट के माध्यम से पुनः प्रशासन से मांग की जा रही है कि संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच की जाए और दोषियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाए। अन्यथा यह मान लिया जाएगा कि प्राधिकरण खुद इस अवैध गतिविधि का हिस्सा है।
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