दिल्ली के AAP विधायक नरेश बाल्यान को जमानत मिलने के बाद फिर से गिरफ्तार किया गया। जानिए मकोका मामले में उनकी गिरफ्तारी का पूरा विवरण और पुलिस की कार्रवाई।
दिल्ली के उत्तम नगर से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक नरेश बाल्यान को बुधवार को एक राहत मिली, जब कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। लेकिन इस राहत के कुछ ही देर बाद उन्हें दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फिर से गिरफ्तार कर लिया। यह घटना दिल्ली के राजनीतिक और कानूनी माहौल में हलचल का कारण बन गई है।
नरेश बाल्यान की गिरफ्तारी का सिलसिला 30 नवंबर, 2024 से शुरू हुआ था, जब उनके और गैंगस्टर कपिल सांगवान के बीच रंगदारी वसूली को लेकर एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था। इस ऑडियो में दोनों के बीच जबरन वसूली की बातचीत हो रही थी, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने बाल्यान को गिरफ्तार किया था। यह मामला उस समय चर्चा में आया जब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बाल्यान पर आरोप लगाया कि वह संगठित अपराधियों के साथ मिलकर अवैध वसूली कर रहे थे।
इस गिरफ्तारी के बाद, बाल्यान को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था, और पुलिस ने उनसे कई घंटों तक पूछताछ की थी। अब, जमानत मिलने के बाद उन्हें एक और गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा, लेकिन इस बार मामला अलग था। पुलिस ने बाल्यान पर मकोका (मु Organized Crime Control Act) का आरोप लगाया। मकोका एक गंभीर कानून है, जिसका उद्देश्य संगठित अपराधियों और आतंकवादियों पर कड़ी कार्रवाई करना है। इस बार, पुलिस ने यह दावा किया कि बाल्यान ने गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू के गिरोह से संबंध बनाए थे और उनके साथ मिलकर अवैध काम कर रहे थे।
बाल्यान पर मकोका लगाने के बाद, वह दिल्ली के पहले विधायक बन गए हैं जिन पर यह कानून लागू हुआ है। मकोका के तहत गिरफ्तारी का मतलब है कि पुलिस को यह मानना होता है कि आरोपी संगठित अपराध में संलिप्त है, और उसे कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है। इससे पहले, केवल कांग्रेस के विधायक रामवीर शौकीन पर मकोका लगाया गया था, जो कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवाना के रिश्तेदार थे।
नरेश बाल्यान की गिरफ्तारी ने दिल्ली की राजनीति को एक नए मोड़ पर ला खड़ा किया है, और इस मामले के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। क्या वाकई बाल्यान पर मकोका लगाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं? क्या इस कदम से दिल्ली पुलिस का संदेश साफ है कि वे किसी को भी राजनीतिक रूप से छूट नहीं देंगे, चाहे वह विधायक हो या कोई और?
नरेश बाल्यान की गिरफ्तारी और मकोका लगाने की प्रक्रिया ने दिल्ली के कानूनी माहौल में नए विवाद पैदा कर दिए हैं। अब यह देखना बाकी है कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और क्या बाल्यान अपनी जमानत को बचा पाते हैं।
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