महाराष्ट्र में महायुति सरकार का गठन होने में हुई देरी पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्टीकरण दिया। शपथ ग्रहण समारोह में एकनाथ शिंदे और अजीत पवार ने भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
महाराष्ट्र में 2024 के विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद महायुति सरकार का गठन हुआ, लेकिन इस प्रक्रिया में कुछ समय लगा। हालांकि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ग्रहण के बाद इस देरी को सामान्य बताया और कहा कि गठबंधन सरकारों का गठन हमेशा एक व्यवस्थित प्रक्रिया होती है, जिसमें समय लगता है।
लोकसभा चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को महाविकास आघाड़ी से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन महाविकास आघाड़ी को धूल चटाते हुए महायुति ने विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज की। भाजपा, शिवसेना और राकांपा के गठबंधन से बनी महायुति के पास कुल 235 सीटें हैं, जिसमें भाजपा को 132, शिवसेना को 57 और राकांपा को 41 सीटें मिली हैं। इसके अलावा, भाजपा को छोटे दलों और एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन प्राप्त है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने दो उपमुख्यमंत्रियों, एकनाथ शिंदे और अजीत पवार के साथ शपथ ली। इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और कई केंद्रीय मंत्री उपस्थित थे, जिनकी मौजूदगी ने इस कार्यक्रम को और भी ऐतिहासिक बना दिया। साथ ही, महाराष्ट्र के सिने और उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियां भी समारोह का हिस्सा बनीं।
फडणवीस ने बताया कि महायुति सरकार का गठन एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, और इसमें समय लगना कोई असामान्य बात नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन सरकारों के गठन में पहले भी ज्यादा वक्त लग चुका है। वहीं, शिंदे ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ समारोह से केवल दो घंटे पहले ही ली थी, और इस पर उन्होंने खुद ही सफाई दी कि वह किसी भी तरह की नाराजगी महसूस नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “हमारा 'सीएम' का मतलब अब 'कॉमन मैन' नहीं, बल्कि 'डीसीएम' है - यानी 'डेडिकेटेड टू कॉमन मैन' (आम आदमी के लिए समर्पित)।” बता दें कि शिवसेना विधायकों ने शिंदे पर दबाव डाला था कि वह उपमुख्यमंत्री पद संभालें, ताकि सरकार की स्थिरता सुनिश्चित हो सके।
इस शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही महाराष्ट्र में एक नई राजनीतिक शुरुआत हुई, जहां भाजपा, शिवसेना और राकांपा का गठबंधन फिर से सत्ता में आया।
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