गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के प्रख्यात बौद्ध विद्वान डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने नेपाल के प्रतिष्ठित लुंबिनी बौद्ध विश्वविद्यालय में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) की डॉ. आंबेडकर चेयर फॉर बौद्ध स्टडीज़ पर विज़िटिंग प्रोफेसर के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। यह नियुक्ति केवल एक अकादमिक सम्मान नहीं, बल्कि भारत-नेपाल के बीच बौद्ध संवाद, साझा सांस्कृतिक विरासत और गहन चिंतन की साझी परंपरा का सजीव विस्तार है। यह वही लुंबिनी है जहाँ स्वयं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चेयर की नींव रखी थी—जिसे अब डॉ. सिंह जैसे गंभीर बौद्ध चिंतक अपने अनुभव और शोध से जीवंत कर रहे हैं।
करीब ढाई दशक के शिक्षण अनुभव और सौ से अधिक शोध प्रकाशनों के साथ, डॉ. सिंह का यह चयन बताता है कि भारतीय बौद्ध अध्ययन आज भी विश्व मंच पर नये विमर्श रचने की क्षमता रखता है। उनकी कार्यशैली शोध और समाज के बीच एक सेतु है—जो पुस्तकों से निकलकर विद्यार्थियों की दृष्टि और सोच को आकार देती है।

उनकी यह उपस्थिति केवल शिक्षण सीमाओं तक सीमित नहीं रहने वाली, बल्कि यह भारत की विचारशील बौद्ध परंपरा को लुंबिनी जैसे वैश्विक बौद्ध केंद्र में स्थापित करने की दिशा में एक सशक्त कदम है। शांति, नैतिकता और सामाजिक समरसता के क्षेत्र में उनके पुरस्कार और वैश्विक योगदान इस बात का संकेत हैं कि भारत का ‘बुद्ध-विज्ञान’ आज भी मानवता की राह दिखाने वाला प्रकाशस्तंभ है।
डॉ. अरविंद सिंह की यह यात्रा न केवल गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को मजबूत करेगी, बल्कि भारत के समृद्ध बौद्ध विचार को नेपाल की धरती पर और अधिक अर्थपूर्ण बनाएगी — जहाँ ज्ञान सीमाएं नहीं जानता, और सम्वाद ही भविष्य का मार्ग है।
12-May-2025 04:48 PM
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