CBI ने दिल्ली-NCR के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली और गुरुग्राम में 47 स्थानों पर एक साथ छापा मारकर 22 रियल एस्टेट कंपनियों पर FIR दर्ज की है। मामला सबवेंशन स्कीम घोटाले से जुड़ा है, जिसमें हज़ारों फ्लैट खरीदार ठगे गए। कई प्रोजेक्ट अधूरे छोड़े गए और EMI का बोझ खरीदारों पर डाल दिया गया।
दिल्ली-एनसीआर के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली, गुरुग्राम और गाजियाबाद में CBI ने सोमवार को 47 ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई, जिसमें 22 बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों पर एफआईआर दर्ज की गई है। मामला वर्ष 2014 से चल रही सबवेंशन स्कीम से जुड़ा है, जिसके तहत बिल्डरों ने बैंकों के साथ मिलकर फ्लैट खरीदारों को ठगा।

स्कीम में बिल्डर यह वादा करते थे कि फ्लैट का कब्जा मिलने तक EMI वे खुद भरेंगे। शुरुआत में कुछ बिल्डरों ने ईएमआई भरी, लेकिन बाद में भुगतान बंद कर दिया और प्रोजेक्ट अधूरे छोड़ दिए। इससे फ्लैट न मिलने के बावजूद खरीदारों को बैंक का कर्ज चुकाना पड़ा, जिससे वे डिफॉल्टर घोषित हो गए।
CBI ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से दस्तावेज लेकर जांच की, जिसमें बड़ी अनियमितताएं सामने आईं। ड्रोन सर्वे भी इस जांच में शामिल रहा। अब तक की जांच में एनसीआर की करीब 40 परियोजनाओं के हजारों फ्लैट खरीदारों के प्रभावित होने की बात सामने आई है।

सीबीआई ने साथ ही स्पोर्ट्स सिटी घोटाले की भी जांच शुरू की है, जिसमें सेक्टर 78, 79, 150 और 152 में भूखंड आवंटन में गड़बड़ियां पाई गई हैं। कोर्ट के निर्देश पर सात प्राथमिक जांचों में से छह पूरी हो चुकी हैं और रिपोर्ट के आधार पर अब 22 नियमित मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
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