ग्रेटर नोएडा, 19 जून 2025 | विशेष रिपोर्ट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अंदर चल रही IBS (In-Building Solutions) इंस्टॉलेशन परियोजना को लेकर अब राष्ट्रीय सुरक्षा, तकनीकी आत्मनिर्भरता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। यह प्रोजेक्ट एयरपोर्ट के भीतर वायरलेस संचार को आधुनिक और सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी एक विदेशी कंपनी को दी गई है, जिसने भारत की एक निजी वेंडर कंपनी को Active व Passive दोनों प्रकार के उपकरणों की आपूर्ति और इंस्टॉलेशन का कार्य सौंपा है। लेकिन जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, वे अत्यंत गंभीर और चौंकाने वाले हैं।
सूत्रों का दावा है कि IBS प्रोजेक्ट में उपयोग किए जा रहे Active Components चीन से आयात किए गए हैं, जबकि इन्हें भारतीय निर्माण मानकों के अनुरूप देश में निर्मित किया जाना चाहिए था। सबसे चिंता की बात यह है कि इस चीनी आयात से जुड़ी कोई जानकारी सार्वजनिक डोमेन में मौजूद नहीं है, न ही अब तक किसी तकनीकी घोषणापत्र या सुरक्षा दस्तावेज़ की पुष्टि की गई है।

क्या यह सुरक्षा दिशानिर्देशों का उल्लंघन है?
भारत सरकार ने पहले ही स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं कि एयरपोर्ट, रक्षा और अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में चीनी टेलीकॉम या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है। इसके बावजूद ऐसे उपकरणों का उपयोग न केवल नीति उल्लंघन है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरे में डालने जैसा भी है।
तकनीकी विफलताओं और नेटवर्क अस्थिरता के दौर में बढ़ा खतरा
हाल ही में विभिन्न एयरलाइनों में तकनीकी गड़बड़ियों और नेटवर्क ब्रेकडाउन की घटनाएं सामने आई हैं। ऐसे में एयरपोर्ट के भीतर स्थापित हो रहे संचार उपकरणों की विश्वसनीयता और स्रोत पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
संबंधित कंपनी ने अब तक नहीं दिया जवाब
Bharat News 360 TV की टीम ने इस पूरे विषय को लेकर संबंधित विदेशी कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन से कई बार संपर्क किया, ईमेल और कॉल के माध्यम से स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया या स्पष्टीकरण नहीं मिला है।

Bharat News 360 TV की अपील
हम Bharat News 360 TV के माध्यम से मांग करते हैं कि:
-
इस पूरे प्रोजेक्ट की गहन तकनीकी और सुरक्षा जांच कराई जाए।
-
संबंधित कंपनियों से जवाब तलब किया जाए।
-
यदि सरकारी गाइडलाइन्स का उल्लंघन हुआ है, तो दोषी पक्षों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
यह रिपोर्ट Bharat News 360 TV द्वारा जुटाए गए दस्तावेजों, स्रोतों और मौजूदा प्रमाणों के आधार पर तैयार की गई है। अब तक किसी आधिकारिक एजेंसी से इस पर पुष्टि नहीं हुई है।
हमारी टीम इस खबर की हर कड़ी पर नजर बनाए हुए है और आने वाले अपडेट्स के साथ आपको सबसे पहले अवगत कराएगी।
COMMENTS