केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाकुंभ 2025 की भव्यता की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन दुनिया में सबसे बड़ा सद्भाव और एकता का संदेश देता है। उन्होंने घोषणा की कि वह 27 जनवरी को गंगा में पवित्र डुबकी लगाने के लिए महाकुंभ में शामिल होंगे। शाह ने मोदी सरकार की 10 साल की कार्यप्रणाली की भी सराहना की और कहा कि पिछली सरकारों ने जो अधूरे कार्य छोड़ दिए थे, उन्हें उनकी सरकार ने पूरा किया है।
महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से हो चुकी है, और इस दिव्य आयोजन में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और साधु-संत प्रयागराज में एकत्र हो रहे हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सद्भाव का भी प्रतीक बन चुका है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस आध्यात्मिक महासंयोग की सराहना करते हुए इसे दुनिया का सबसे बड़ा सद्भाव और एकता का संदेश देने वाला आयोजन करार दिया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह खुद 27 जनवरी को गंगा में पवित्र स्नान करने के लिए महाकुंभ में जाएंगे।
गृह मंत्री अमित शाह गुजरात विश्वविद्यालय के मैदान में हिंदू आध्यात्मिक और सेवा मेले का उद्घाटन करने के बाद श्रद्धालुओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने महाकुंभ की भव्यता का वर्णन करते हुए कहा, “महाकुंभ का आयोजन एक अद्भुत रूप से हो रहा है, जिस पैमाने पर यह हुआ है, वह चमत्कारी है। दुनिया भर के लोग इससे चमत्कृत हैं। यहां तक कि कई देशों के राजदूत भी मुझसे महाकुंभ के निमंत्रण कार्ड के लिए अनुरोध कर चुके हैं। मैं उन्हें यह समझाने में असमर्थ था कि यह आयोजन किसी औपचारिक निमंत्रण से नहीं, बल्कि ग्रहों की स्थिति के अनुसार बिना किसी प्रोटोकॉल के आयोजित होता है।"
अमित शाह ने महाकुंभ को एकता और सद्भाव का प्रतीक बताते हुए कहा, “यहां पर कोई यह नहीं पूछता कि आप किस धर्म, जाति या समुदाय से हैं। हर किसी को समान रूप से सम्मान मिलता है और यहां भोजन की भी कोई कमी नहीं होती। यहां कोई भी किसी से भेदभाव नहीं करता। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दुनिया को यह संदेश देता है कि हम सब एक हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “इतने विशाल जनसमूह के बावजूद, यहां कोई होटल में नहीं ठहरता। महाकुंभ में आने वाले सभी लोग गंगा के तट पर टेंटों में रहते हैं। यह दिखाता है कि कैसे यह आयोजन आध्यात्मिक और सामाजिक सद्भाव की मिसाल पेश करता है।”
शाह ने महाकुंभ के आयोजन को एक अद्वितीय उदाहरण बताया और गुजरात के लोगों से इस महान आध्यात्मिक यात्रा में भाग लेने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि 27 जनवरी को वह खुद गंगा में स्नान करने के लिए प्रयागराज जाएंगे, और यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा, जब वह इस विशाल महाकुंभ का हिस्सा बनेंगे।
इसके साथ ही, गृह मंत्री ने मोदी सरकार की 10 वर्षों की कार्यप्रणाली की सराहना की। उन्होंने कहा, “बीते 10 वर्षों में हमने सभी अधूरे कामों को पूरा किया है, चाहे वह जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटाना हो, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो, तीन तलाक का खात्मा हो या फिर यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) का कार्यान्वयन। मोदी सरकार ने जो काम 10 वर्षों में किए हैं, वह पिछली सरकारों के लिए 70 वर्षों तक संभव नहीं हो पाए थे।”
शाह ने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने भारत को एक नई दिशा दी है और आगामी वर्षों में भी भाजपा इसी रास्ते पर आगे बढ़ेगी, ताकि देश में विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित किए जा सकें।
उनकी यह बातें न केवल देशवासियों को प्रेरित करती हैं, बल्कि इस समय भारत में हो रहे राजनीतिक परिवर्तनों और सामाजिक समृद्धि के बारे में एक नया दृष्टिकोण भी प्रस्तुत करती हैं। महाकुंभ की भव्यता और इस आयोजन की धार्मिक और सामाजिक एकता के संदेश को लेकर अमित शाह की बातें कई लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ने वाली हैं।
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