गौतम बुद्ध नगर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का भव्य आयोजन दीवानी न्यायालय परिसर में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय जनपद न्यायाधीश मलखान सिंह (अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर सभी न्यायिक अधिकारीगण उपस्थित रहे।
विवरण: कितने मामलों का निस्तारण किस स्तर पर हुआ?
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नई दिल्ली) एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (लखनऊ) के निर्देशों के अनुपालन में जिला मुख्यालय व तहसील स्तर पर आयोजित इस लोक अदालत में कुल 583603 वादों का निस्तारण किया गया, जिनमें विभिन्न विभागों, अदालतों और संस्थानों द्वारा संलग्न मामले शामिल थे।
मुख्य आंकड़े:
कुल निस्तारित वाद: 583603
न्यायालय स्तर पर: 148690
प्री-लिटिगेशन स्तर पर: 417591
कुल समझौता धनराशि: ₹25,11,29,849

न्यायालय स्तर पर प्रमुख न्यायाधीशों द्वारा निस्तारित वादों का विवरण:
न्यायिक अधिकारी | निस्तारित वाद | समझौता / जुर्माना राशि |
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बबीता पाठक (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) | 37966 | ₹8033140 |
मयंक त्रिपाठी (सिविल जज) | 36 | ₹27199253 |
रवि कुमार सागर (ACJM-द्वितीय) | 2591 | ₹174430 |
सुमित कुमार (FTC) | 1612 | ₹19717000 |
रिचा शुक्ला (Virtual Court) | 101000 चालान | ₹4055450 |
नलिन कांत त्यागी (अतिरिक्त न्यायालय-2) | 243 | ₹49719095 |
अन्य अधिकारीगण | शेष वादों का निस्तारण | विवरण तालिका में समाहित |
प्री-लिटिगेशन स्तर पर विभागवार निस्तारण:
-
राजस्व विभाग: 86082 वाद
यातायात विभाग: 302300 चालान
परिवहन विभाग: 20526
पुलिस विभाग: 8265
खाद्य एवं रसद विभाग: 2982
बीएसएनएल: 59
एनपीसीएल: 35
बैंक: 305
उपभोक्ता फोरम: 22 (₹13087046 धनराशि)
मीडिएशन/ऑनलाइन आवेदन: 106
मानवीय पहल: आर्थिक रूप से कमजोर खाताधारकों को राहत
राष्ट्रीय लोक अदालत के अंतर्गत इंडियन बैंक, रबूपुरा के दो मामलों में जब प्रार्थीजन बकाया धनराशि चुकाने में असमर्थ पाए गए, तो माननीय जिला जज मलखान सिंह द्वारा मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए:
अंकुर पुत्र रोहताश: ₹192000 में से ₹110000 पर निस्तारण
फूल पुत्र बिहारी सिंह: ₹223636 में से ₹75000 पर निस्तारण
उक्त दोनों प्रार्थीजन को धनराशि अदा करने हेतु 30 दिनों की अतिरिक्त मोहलत दी गई। दोनों ने न्यायाधीश का आभार प्रकट किया।

न्यायपालिका और प्रशासन की समन्वित सफलता
इस सफल आयोजन में विभिन्न न्यायालयों, प्रशासनिक विभागों व प्राधिकरणों—जैसे नोएडा प्राधिकरण (3109 वाद), यमुना प्राधिकरण (179 वाद), मुख्य चिकित्साधिकारी (7140 वाद)—ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
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