उनका दावा है कि पुलिस मुख्य अभियुक्त निशांत सिंह उर्फ निक्कू और अन्य अज्ञात आरोपियों को, जिनमें कन्हैया यादव और अमित यादव शामिल हैं, संरक्षण प्रदान कर रही है।
बलिया: रोहित पांडेय हत्याकांड में पुलिस की कार्यवाही पर सवाल, गवाहों ने लगाया आरोपियों को बचाने का आरोप

बलिया, उत्तर प्रदेश— चर्चित रोहित पांडेय हत्याकांड में पुलिस की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। घटना के कुछ दिन बाद पीड़ित पक्ष और चश्मदीद गवाहों ने पुलिस पर नामजद आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि पुलिस मुख्य अभियुक्त निशांत सिंह उर्फ निक्कू और अन्य अज्ञात आरोपियों को, जिनमें कन्हैया यादव और अमित यादव शामिल हैं, संरक्षण प्रदान कर रही है। गवाहों के अनुसार, घटना से ठीक दो दिन पहले, अभियुक्त निशांत सिंह को जवाहर गोड और प्रकाश यादव के साथ पिंडहरा गांव में देखा गया था। 20 जुलाई 2024 को दिनदहाड़े, आधा दर्जन बदमाशों ने पुलिस थाने के गेट के सामने रोहित पांडेय की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने हमलावरों की पहचान भी कर ली थी और शपथ पत्र के माध्यम से पुलिस को उनकी शिनाख्त भी दी गई थी।
इसके बावजूद, पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस मामले की ठीक से जांच करने के बजाय लीपापोती में लगी हुई है। उनका कहना है कि पुलिस असली दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है और अभिषेक सिंह तथा अभिनाश सिंह जैसे निर्दोष लोगों को गलत तरीके से फंसा रही है। अभिषेक और अभिनाश के परिवार ने सरकार और उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। गवाहों का यह भी आरोप है कि पुलिस प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में नाकाम रहा है और वह हत्याकांड में शामिल असली दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने से बच रहा है। स्थानीय जनता और पीड़ित परिवार ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए उच्च स्तरीय अधिकारियों से हस्तक्षेप की अपील की है।
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