
दिल्ली-एनसीआर की रात एक बार फिर क्राइम थ्रिलर जैसी घटनाओं की गवाह बनी, जब गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली मुठभेड़ सामने आई। यह सब उस वक्त शुरू हुआ जब 17 और 18 जुलाई 2025 की रात पुलिस संदिग्ध वाहनों की सघन चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान एक सफेद स्विफ्ट डिजायर कार को रुकने का इशारा किया गया, लेकिन कार चालक ने पुलिस को नजरअंदाज करते हुए रफ्तार पकड़ ली और दुजाना चौकी से होते हुए तिमूही पुलिया की ओर भाग निकला। पुलिस टीम ने बिना समय गंवाए पीछा शुरू किया, और कार जब कच्चे रास्ते में उतर कर कीचड़ में फंसी, तब बदमाशों की मंशा पर से परदा उठ गया। पुलिस ने जब घेराबंदी कर उन्हें पकड़ने की कोशिश की, तो कार सवार बदमाशों ने खुद को फंसता देख गोलियां चलानी शुरू कर दीं। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली एक बदमाश के पैर में जा लगी, जिससे वह वहीं गिर पड़ा। घायल आरोपी की पहचान गाजियाबाद के नंदग्राम थाना क्षेत्र स्थित नई बस्ती बम्बे कॉलोनी निवासी 30 वर्षीय महबूब पुत्र सलीम के रूप में हुई।
तलाशी के दौरान उसके पास से एक देसी तमंचा, जिंदा और इस्तेमाल किया गया कारतूस, चोरी की गई बिजली ट्रांसफार्मर की दो भारी कोइल और एक लोहे का एंगल बरामद हुआ, जो किसी बड़े गिरोह के संगठित अपराध की ओर इशारा करता है। फरार साथी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया है, जिसकी तलाश में पुलिस कांबिंग अभियान चला रही है। इस पूरे घटनाक्रम ने साफ कर दिया है कि एनसीआर में बिजली ट्रांसफार्मर से जुड़ी चोरी की घटनाएं एक सुनियोजित गिरोह द्वारा अंजाम दी जा रही हैं। पूछताछ में महबूब ने कबूल किया कि वह कई बार इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे चुका है, और उसके खिलाफ बादलपुर थाना क्षेत्र में दो गंभीर मुकदमे पहले से दर्ज हैं, साथ ही गाजियाबाद के सिहानी गेट थाने में भी एक पुराना मामला लंबित है।
इस मुठभेड़ ने ना सिर्फ पुलिस की सतर्कता को साबित किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि नोएडा-गाजियाबाद बॉर्डर पर चल रहे संगठित अपराधों को खत्म करने की दिशा में पुलिस किस तरह सक्रिय है। बदमाश की गिरफ्तारी से ना केवल एक चोर पकड़ा गया है, बल्कि ट्रांसफार्मर चोरी जैसे बड़े नेटवर्क के तार भी खुलने लगे हैं, जिसे लेकर अब पुलिस की जांच और तेज़ हो गई है। यह कार्रवाई एक मजबूत संदेश देती है कि कानून से बच पाना अब आसान नहीं और नोएडा की सड़कों पर रात को भी अब पुलिस की पैनी नजर है।
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