प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पांच बड़े फैसले लिए गए हैं, जो भारत के आर्थिक और सामाजिक ढांचे में अहम बदलाव ला सकते हैं। किसानों को एमएसपी बढ़ोतरी का तोहफा मिला है, वहीं कारोबारी वर्ग को बेहतर लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी से राहत मिलने वाली है। सस्ती ब्याज दरों पर कृषि ऋण, नए फोर-लेन हाइवे और मल्टी-ट्रैक रेल प्रोजेक्ट्स से रोजगार भी बढ़ेगा। इन फैसलों से सिर्फ योजनाएं नहीं, देश की दिशा और दशा बदलने की उम्मीद जगी है।
देश की राजधानी में बुधवार को जब प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक शुरू हुई, तो न सिर्फ दस्तावेज़ खुले, बल्कि फैसलों की एक ऐसी सूची बनी, जो सीधे देश की जड़ों — खेत, सड़क, रेल और रोजगार से जुड़ती है।
पाँच बड़े ऐलान हुए — और इनका असर करोड़ों लोगों की ज़िंदगी पर पड़ने वाला है। आइए, समझते हैं इन फैसलों की पूरी कहानी, एक-एक कर।
🌾 1. किसानों के लिए बड़ा बोनस: 2.07 लाख करोड़ की एमएसपी मंजूर
कैबिनेट का सबसे बड़ा तोहफा देश के किसानों के नाम रहा।
खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 50% की वृद्धि को मंजूरी दी गई।
धान की कीमत 2,369 रुपये/क्विंटल,
अरहर दाल 8,000 रुपये/क्विंटल,
उड़द और मूंग भी 400-450 रुपये तक महंगे।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव बोले – “MSP अब लागत का 1.5 गुना रहेगा, किसानों को उनका पूरा हक मिलेगा।”
सबसे ज्यादा बढ़ोतरी नाइजरसीड, रागी और तिल में, यानी परंपरागत फसलों को भी संरक्षण।
💳 2. सस्ता कर्ज, ज़्यादा राहत: KCC पर ब्याज सहायता योजना जारी
किसानों को 3 लाख रुपये तक सस्ती ब्याज दर पर लोन मिलता रहेगा।
KCC के ज़रिए लिए गए ऋण पर 4% तक की प्रभावी ब्याज दर लागू रहेगी।
सरकार ने 2025-26 तक इस योजना को जारी रखने का फैसला लिया, जिससे खजाने पर 15,640 करोड़ रुपये का भार आएगा, लेकिन 7.75 करोड़ किसान खाताधारकों को सीधा लाभ होगा।
🛣️ 3. आंध्र प्रदेश में हाईवे रिवोल्यूशन: बडवेल-नेल्लोर फोर लेन को हरी झंडी
आंध्र प्रदेश को तीन औद्योगिक कॉरिडोर से जोड़ने वाला एक नया फोर-लेन हाईवे मंज़ूर हुआ है।
लंबाई: 108.13 किमी | लागत: ₹3,653 करोड़
कृष्णपट्टनम पोर्ट तक दूरी घटेगी, समय बचेगा, ट्रांसपोर्ट तेज़ होगा।
इस प्रोजेक्ट से 20 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और 23 लाख को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
🚆 4. रेलवे को दोहरी रफ्तार: मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को मल्टी-ट्रैकिंग तोहफा
रेल यात्रियों के लिए राहत की खबर!
रतलाम-नागदा (3rd & 4th line) और वर्धा-बल्लारशा (4th line) को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई।
लागत: ₹3,399 करोड़ | पूरा होने की सीमा: 2029-30
परियोजना से 176 किमी नया रेल ट्रैक, 19 लाख की आबादी को कनेक्टिविटी, और 74 लाख मानव-दिन का रोजगार मिलेगा।
🌿 5. लॉजिस्टिक्स सस्ता, प्रदूषण कम: रेल व हाइवे प्रोजेक्ट का पर्यावरण पर भी असर
सरकार के ये इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट CO₂ उत्सर्जन में भारी कमी लाएंगे,
तेल आयात पर निर्भरता घटेगी,
और लॉजिस्टिक्स सेक्टर की लागत कम होगी, यानी कारोबार सस्ता, मुनाफा ज़्यादा।
📌 निष्कर्ष: ये कैबिनेट मीटिंग सिर्फ नीति नहीं, नई दिशा थी!
कभी फसलों की कीमतें, कभी किसान का कर्ज, तो कभी सड़क और रेल की दूरी —
इस बार के फैसलों ने हर क्षेत्र को छुआ है।
अब सवाल यह नहीं कि ये फैसले कितने बड़े हैं...
सवाल यह है कि इनका असर कितनी तेजी से जमीन पर दिखेगा!
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