थाना दादरी पुलिस की तेज़, मानवीय और सराहनीय कार्यवाही: मात्र दो घंटे में गुमशुदा सात वर्षीय बालिका को खोजकर सकुशल परिजनों के हवाले किया
स्थानीय नागरिकों ने जताया आभार, पुलिस कार्यशैली की खुले दिल से की सराहना
दादरी (गौतमबुद्ध नगर), 22 जून 2025 —
गौतमबुद्ध नगर जनपद की थाना दादरी पुलिस ने एक बार फिर मानवीय संवेदनशीलता, त्वरित निर्णय क्षमता और कुशल पुलिसिंग का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। दिनांक 22 जून 2025 को थाना क्षेत्र अंतर्गत एक महिला आवेदिका अपनी सात वर्षीय मासूम बच्ची के लापता हो जाने की सूचना लेकर जब थाना पहुंची, तो पूरे परिवार की चिंता और बेचैनी साफ झलक रही थी।
महिला ने बताया कि उनकी पुत्री घर के बाहर खेल रही थी और खेलते-खेलते अचानक कहीं चली गई। परिजनों ने आस-पास, मोहल्ले और जान-पहचान वालों के यहां काफी तलाश की, लेकिन बच्ची का कोई सुराग नहीं मिल पाया। इस सूचना के मिलते ही थाना दादरी पुलिस ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए समय गंवाए बिना त्वरित कार्रवाई प्रारंभ की।
फौरन गठित की गई खोजी टीम
थाना प्रभारी द्वारा विशेष निर्देश जारी कर एक तत्कालीन पुलिस टीम गठित की गई, जिसे बालिका की तलाश के लिए सभी आवश्यक संसाधनों के साथ रवाना किया गया। टीम ने सर्वप्रथम बच्ची की हालिया फोटो हासिल की और उसकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए मोहल्ले के निवासियों, दुकानदारों, ठेले वालों और आने-जाने वाले स्थानीय लोगों से बातचीत शुरू की।
तकनीक और मानवीय प्रयासों का तालमेल
तलाश के दौरान पुलिस ने पारंपरिक विधियों के साथ-साथ तकनीकी संसाधनों का भी पूरा उपयोग किया। क्षेत्र में लगे CCTV कैमरों की फुटेज को खंगाला गया। प्रमुख चौराहों, गलियों और संभावित मार्गों पर टीमों को तैनात किया गया। बच्ची की फोटो मोबाइल पर दिखाकर लोगों से पहचान में सहयोग मांगा गया। इसके साथ ही रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, सार्वजनिक स्थानों, पार्कों और दुकानों पर भी गहन पड़ताल की गई।
पुलिस टीम के अधिकारी व जवान पूरी संवेदनशीलता और मानवीय भावना से भरकर इस कार्य में लगे रहे। उन्हें यह अच्छी तरह समझ था कि एक मासूम बच्ची का लापता होना किसी भी परिवार के लिए कितना त्रासदीपूर्ण अनुभव हो सकता है।
सिर्फ दो घंटे में सफलता
लगातार, थकान रहित प्रयासों और समन्वयात्मक कार्यशैली के कारण, महज दो घंटे के भीतर पुलिस को सफलता मिल गई। बच्ची को एक स्थानीय कॉलोनी के पास एक महिला के साथ देखा गया, जो उसे रास्ते में अकेले देखकर अपने घर ले गई थी। महिला ने बताया कि बच्ची रास्ता भटक गई थी और वह खुद पुलिस को सूचना देने जा रही थी।
इसके बाद बच्ची की पहचान सुनिश्चित कर पुलिस ने उसे अपने संरक्षण में लिया और मेडिकल परीक्षण के पश्चात पूरी तरह सुरक्षित होने की पुष्टि के बाद परिजनों के हवाले कर दिया।
परिजनों ने जताया भावुक आभार
बच्ची को देखते ही परिजन फफक कर रो पड़े। मां ने भावुक स्वर में कहा, "हमने तो मान लिया था कि हमारी बच्ची खो गई है, लेकिन दादरी पुलिस ने जो किया, वह एक देवदूत की तरह है।"
परिजनों ने थाना प्रभारी और पूरी टीम का खुले दिल से आभार व्यक्त किया और कहा कि अगर पुलिस तत्परता नहीं दिखाती, तो शायद हमारी बच्ची अब तक न मिलती।
स्थानीय नागरिकों ने की प्रशंसा
दादरी क्षेत्र के स्थानीय नागरिकों ने भी इस त्वरित और मानवीय कार्रवाई की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह उदाहरण दर्शाता है कि गौतमबुद्ध नगर पुलिस आम जनमानस की सुरक्षा व सेवा के लिए कितनी प्रतिबद्ध है। समाजसेवी संगठनों ने भी इस कार्रवाई को “प्रेरणादायक” बताया और बाल सुरक्षा के प्रति पुलिस की प्रतिबद्धता को नमन किया।
पुलिस की ओर से अपील
थाना दादरी पुलिस द्वारा यह भी अपील की गई कि माता-पिता अपने छोटे बच्चों पर विशेष ध्यान रखें, उन्हें अकेले बाहर न खेलने दें और उनका सही मार्गदर्शन करें। साथ ही, कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तत्काल नजदीकी थाने या 112 नंबर पर सूचित करें।
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