ग्रेटर नोएडा, 26 जून 2025
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक बार फिर बिल्डरों को कड़ी हिदायत दी है कि वे फ्लैट खरीदारों के नाम शीघ्र रजिस्ट्री कराएं, अन्यथा प्राधिकरण द्वारा उन्हें दी गई विशेष सुविधाओं को वापस ले लिया जाएगा। यह सख्ती उन बिल्डरों के लिए है जो अमिताभ कांत समिति से राहत पाने के बावजूद अब तक अपने प्रोजेक्ट्स में हजारों फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं करवा सके हैं।
प्राधिकरण की सख्ती का कारण
दरअसल, जिन बिल्डरों को अमिताभ कांत समिति के माध्यम से बकाया भू-स्वामी राशि में छूट और अन्य विकासात्मक राहतें दी गई थीं, वे अब तक अपने प्रोजेक्ट्स में बने फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं करवा पाए हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने बृहस्पतिवार को क्रेडाई (CREDAI) और विभिन्न बिल्डर प्रतिनिधियों के साथ एक अहम बैठक की और इस विषय पर स्पष्ट निर्देश जारी किए।
बैठक में प्राधिकरण के बिल्डर विभाग की मैनेजर स्नेहलता, क्रेडाई के सेक्रेटरी निखिल हवेलिया, मनीष गुप्ता सहित कई नामचीन बिल्डरों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक में यह तय किया गया कि जिन परियोजनाओं में बकाया धनराशि का भुगतान हो चुका है, और जिनके लिए प्राधिकरण द्वारा ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (OC) तथा रजिस्ट्री की अनुमति पहले ही प्रदान की जा चुकी है, वहां किसी भी प्रकार की देरी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अब तक की प्रगति और बाकी कार्य
अधिकारियों ने बताया कि अब तक कुल 2841 फ्लैटों की रजिस्ट्री पूरी की जा चुकी है, लेकिन अभी भी 1431 फ्लैट ऐसे हैं जिनकी रजिस्ट्री अधूरी है। ये फ्लैट नौ प्रमुख परियोजनाओं में स्थित हैं, जिन्हें अमिताभ कांत समिति से लाभ मिला था।
इन प्रोजेक्ट्स में बाकी हैं रजिस्ट्री:
क्रमांक | प्रोजेक्ट का नाम | लोकेशन | अपंजीकृत फ्लैटों की संख्या |
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1 | विहान डेवलपर्स | सेक्टर-1 | 83 |
2 | डोमस ग्रीन | जीटा-1 | 196 |
3 | निराला प्रोजेक्ट | सेक्टर-2 | 137 |
4 | कैपिटल इंफ्राटेक | सेक्टर-1 | 244 |
5 | महालक्ष्मी इंफ्राहोम | ओमीक्रॉन-3 | 125 |
6 | पूर्वांचल प्रोजेक्ट | चाई फोर | 94 |
7 | एम्स गोल्फ टाउन डेवलपर्स | सेक्टर-4 | 285 |
8 | एसजेपी इंफ्राकॉन | सेक्टर-16बी | 99 |
9 | रुद्रा बिल्डवेल कंस्ट्रक्शन | सेक्टर-16 | 168 |
बिल्डरों को दो टूक संदेश
बैठक में एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने साफ शब्दों में कहा कि जिन बिल्डरों ने रजिस्ट्री में जानबूझकर देरी की है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और समिति द्वारा दी गई विशेष छूटें रद्द की जा सकती हैं। इसके अलावा, अगर कोई फ्लैट खरीदार रजिस्ट्री कराने में रुचि नहीं ले रहा है, तो बिल्डर उसे अंतिम नोटिस जारी कर उसका आवंटन रद्द कर सकते हैं।
यह निर्देश ऐसे समय पर आया है जब कई परियोजनाओं में निर्माण कार्य तो पूर्ण हो चुका है और खरीदारों ने भुगतान भी कर दिया है, लेकिन कानूनी रजिस्ट्री न होने के कारण उन्हें मालिकाना हक और जरूरी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
प्राधिकरण की चिंता और उद्देश्य
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य यह है कि आम नागरिकों को समय पर उनका हक मिले। रजिस्ट्री के अभाव में खरीदार न तो बैंक लोन ले सकते हैं, न ही कानूनी रूप से संपत्ति का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, ये विलंबित रजिस्ट्रीज शहरी नियोजन और आयकर संग्रहण प्रणाली पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
खरीदारों से भी अपील
प्राधिकरण ने न केवल बिल्डरों को निर्देश दिए हैं, बल्कि फ्लैट खरीदारों से भी अपील की है कि वे रजिस्ट्री प्रक्रिया में तेजी लाएं और दस्तावेजों को समय पर प्रस्तुत करें। इस संबंध में प्राधिकरण जल्द ही एक ऑनलाइन जागरूकता अभियान भी शुरू करेगा, ताकि खरीदारों को रजिस्ट्री की प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज और समयसीमा की जानकारी दी जा सके।
भविष्य की योजनाएं और कार्रवाई की चेतावनी
प्राधिकरण का कहना है कि अगर निर्धारित समयसीमा में रजिस्ट्री नहीं होती है, तो उन बिल्डरों को काली सूची (Blacklist) में डाला जा सकता है और उनके अन्य प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी नहीं दी जाएगी। साथ ही, पब्लिक नोटिस जारी कर खरीदारों को भी स्थिति से अवगत कराया जाएगा।
निष्कर्ष
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की इस सख्ती से यह साफ संकेत मिलते हैं कि अब शहर में विकास कार्यों और हाउसिंग से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और समयबद्धता सर्वोपरि होगी। बिल्डरों और खरीदारों दोनों को आगे आकर जिम्मेदारी निभानी होगी, ताकि आवासीय अधिकारों का सम्मान बना रहे और ग्रेटर नोएडा एक सुचारु और भरोसेमंद रियल एस्टेट गंतव्य के रूप में आगे बढ़ सके।
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