भारत सरकार के उच्च अधिकारियों ने यमुना एक्सप्रेसवे, सेक्टर 28 में मेडिकल डिवाइसेज पार्क का दौरा कर CSF, गामा रेडिएशन सेंटर और निर्माण प्रगति का निरीक्षण किया। पार्क को वैश्विक स्तर का मेडिकल हब बनाने की योजना।
आज यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण के सेक्टर 28 में स्थित मेडिकल डिवाइसेज पार्क का भारत सरकार के उच्च अधिकारियों द्वारा दौरा किया गया। इस अवसर पर सेक्रेटरी, डिपार्टमेंट ऑफ़ फार्मास्युटिकल्स, श्री अमित अग्रवाल, आईएएस एवं जॉइंट सेक्रेटरी श्री अमन शर्मा उपस्थित रहे।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री राकेश कुमार सिंह ने पार्क के निर्माणाधीन फैसिलिटीज़ और प्रगति के बारे में अधिकारियों को विस्तृत जानकारी दी। यीडा के सेक्टर 28 में 350 एकड़ क्षेत्र में भारत सरकार के सहयोग से विकसित हो रहे इस पार्क में अब तक 101 भूखंडों का आवंटन किया जा चुका है।
विशेष कार्याधिकारी श्री शैलेंद्र भाटिया ने कॉमन साइंटिफिक फैसिलिटी (CSF) और पार्क की भविष्य की योजनाओं के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। निर्माण कार्य की समयसीमा के अनुसार, लगभग सभी SCF दिसंबर 2026 तक तैयार हो जाएंगे, जबकि गामा रेडिएशन सेंटर का निर्माण मई 2027 तक पूर्ण होगा।

इस अवसर पर श्री अमित अग्रवाल ने निर्देश दिए कि सभी निर्माण कार्य जल्दी पूर्ण हों और अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन किया जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पार्क को मेडिकल एजुकेशन, तकनीकी शिक्षा, टेस्टिंग और विशेषज्ञों के साथ जोड़ा जाए, ताकि इसे एक बेहतर ईको-सिस्टम में बदला जा सके। उन्होंने विशेष रूप से आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों को शामिल करने का भी सुझाव दिया ताकि बदलती टेक्नोलॉजी, AI और इनोवेशन का बेहतर उपयोग हो सके।
समीक्षा बैठक के बाद सचिव और जॉइंट सचिव ने साइट विजिट कर कॉमन साइंटिफिक फैसिलिटीज़ की बिल्डिंग्स में निर्माण कार्य की भौतिक प्रगति का अवलोकन किया। बैठक में अन्य अधिकारी जैसे श्री प्रवीण मित्तल, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर MDP प्रमोशन कौंसिल, श्री राजेन्द्र भाटी, जीएम परियोजना, एवं श्रीमती स्मिता सिंह, AGM, सहित कई कंपनियों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
यह दौरा और समीक्षा बैठक दर्शाती है कि मेडिकल डिवाइसेज पार्क न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे भारत के लिए वैश्विक स्तर का मेडिकल और टेक्नोलॉजी हब बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।
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