Friday, October 10, 2025

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बड़ी सौगात: 16 सेक्टरों और गांवों को मिलेंगे दोमंजिला आधुनिक सामुदायिक केंद्र

सीईओ एन.जी. रवि कुमार की पहल से 25 करोड़ की लागत से बन रहे हैं आधुनिक सुविधाओं से युक्त भवन; साल के अंत तक 12 केंद्र हो जाएंगे तैयार

DEHRADUN , Latest Updated On - Jul 04 2025 | 12:24:00 PM
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ग्रेटर नोएडा के 16 सेक्टरों और गांवों में बन रहे सामुदायिक केंद्र, निवासियों को मिलेगा आयोजन स्थल

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ग्रेटर नोएडा, 4 जुलाई 2025:
उत्तर प्रदेश के तेजी से विकसित होते औद्योगिक और आवासीय क्षेत्र ग्रेटर नोएडा में अब रहने वाले लोगों को सामूहिक आयोजनों और सामाजिक कार्यक्रमों के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (GNIDA) ने शहर के 16 सेक्टरों और गांवों में आधुनिक सामुदायिक केंद्रों के निर्माण की महत्वाकांक्षी योजना पर काम शुरू कर दिया है। इनमें से 12 केंद्रों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, जबकि बाकी 4 स्थानों पर जल्द निर्माण कार्य शुरू होने वाला है।

यह कदम प्राधिकरण के सीईओ एन.जी. रवि कुमार की एक प्रगतिशील और मानवीय सोच का परिणाम है, जो सेक्टरवासियों और ग्रामीण निवासियों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं देने के लिए कटिबद्ध हैं।

क्यों जरूरी हैं सामुदायिक केंद्र?

ग्रेटर नोएडा में लगातार बढ़ती आबादी, नए सेक्टरों का विकास और गांवों का शहरीकरण इस बात की मांग कर रहा था कि लोगों को स्थानीय स्तर पर आयोजन स्थल मिलें। शादी-ब्याह, धार्मिक कार्यक्रम, सामाजिक आयोजन, बैठकों, सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार, लाइब्रेरी संचालन जैसी गतिविधियों के लिए समुचित भवनों का न होना एक बड़ी समस्या बन चुकी थी।

अक्सर लोग महंगे निजी बैंकेट हॉल या पार्कों में असुविधाजनक व्यवस्थाओं में आयोजन करने को मजबूर होते थे। इसीलिए प्राधिकरण ने एक बड़ी योजना बनाते हुए इन सामुदायिक केंद्रों को प्राथमिकता में शामिल किया।

क्या होगा सामुदायिक केंद्रों में खास?

प्राधिकरण के अनुसार, ये सभी सामुदायिक केंद्र दो मंजिला भवन के रूप में बनाए जा रहे हैं और इनमें निम्नलिखित सुविधाएं होंगी:

भूतल (Ground Floor):

  • भव्य लॉबी

  • पार्टी/सभा हॉल

  • किचन

  • स्टोर रूम

  • एक अतिरिक्त बहुउपयोगी कमरा

  • महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय

प्रथम तल (First Floor):

  • लॉबी

  • पुस्तकालय (लाइब्रेरी)

  • महिलाओं और पुरुषों के लिए शौचालय

अन्य सुविधाएं:

  • हर सामुदायिक केंद्र में लगभग 50 वाहनों की पार्किंग व्यवस्था

  • हवादार और वेंटिलेशन से भरपूर वास्तु

  • दिव्यांग जनों के लिए रैम्प और टॉयलेट

  • भवन का उपयोग बहुउद्देशीय: सरकारी बैठक, योग, प्रशिक्षण सत्र, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि

किन स्थानों पर बन रहे हैं सामुदायिक केंद्र?

निर्माणाधीन 12 सामुदायिक केंद्र:

  1. ओमीक्रॉन वन ए

  2. ज्यू वन

  3. ज्यू टू

  4. ज्यू थ्री

  5. ईटा वन

  6. जीटा वन

  7. डेल्टा थ्री

  8. सेक्टर-37

  9. सेक्टर-36

  10. पाई वन

  11. स्वर्ण नगरी

  12. चिपियाना बुजुर्ग

प्रस्तावित 4 सामुदायिक केंद्र (जल्द निर्माण आरंभ):

  1. सेक्टर-3

  2. सिरसा

  3. डाढ़ा

  4. लुक्सर

महाप्रबंधक परियोजना ए.के. सिंह ने बताया कि इन केंद्रों के निर्माण पर कुल मिलाकर 25 करोड़ रुपये का अनुमानित व्यय आएगा। 12 निर्माणाधीन केंद्रों को वर्ष 2025 के अंत तक पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य रखा गया है। शेष 4 स्थानों पर भूमि चिन्हित की जा चुकी है और टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

प्राधिकरण की मंशा और निर्देश

प्राधिकरण के सीईओ एन.जी. रवि कुमार ने परियोजना विभाग को निर्देश दिए हैं कि:

"जिन सेक्टरों और गांवों में सामुदायिक केंद्र पहले से नहीं हैं, वहां प्राथमिकता के आधार पर निर्माण कार्य किया जाए। जहाँ सामुदायिक भवन पहले से मौजूद हैं लेकिन जर्जर स्थिति में हैं, उनकी मरम्मत और अपग्रेडेशन कराया जाए।"

उन्होंने यह भी कहा कि ये सामुदायिक केंद्र स्थानीय लोगों को सुलभ दरों पर किराए पर उपलब्ध कराए जाएंगे और बुकिंग की प्रक्रिया ऑनलाइन व पारदर्शी होगी।

जनता की प्रतिक्रिया: "अब नहीं भटकना पड़ेगा आयोजन के लिए"

स्थानीय निवासियों, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) के पदाधिकारियों, तथा गांवों के प्रधानों ने इस योजना का खुले दिल से स्वागत किया है। सेक्टर-ओमीक्रॉन वन ए के निवासी राजेश अवस्थी का कहना है:

"अब हमें किसी आयोजन के लिए नोएडा या निजी हॉल्स की तरफ नहीं भागना पड़ेगा। सामुदायिक केंद्र हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बनेंगे।"

गांव लुक्सर के ग्राम प्रधान ने भी कहा कि ये सामुदायिक केंद्र शादी-ब्याह, पंचायत बैठक, सरकारी योजनाओं के प्रशिक्षण आदि के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होंगे।

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