ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वी.एस. ने सभी बल्क वेस्ट जेनरेटरों से स्पष्ट अपील
ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ और हरित शहर के रूप में पहचान दिलाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक ठोस कदम उठाया है। स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्धता दिखाते हुए प्राधिकरण ने अब बल्क वेस्ट जेनरेटरों (BWG) के यहां कूड़े के प्रबंधन की जांच के लिए विशेष मुहिम शुरू कर दी है। यह कदम प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एन. जी. रवि कुमार के स्पष्ट निर्देशों के अंतर्गत उठाया गया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित 8 निरीक्षण टीमों ने 22 जून 2025 (शनिवार) से शहरभर में जांच कार्य आरंभ कर दिया है। इन टीमों को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के अनुसार कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है। अभियान का मुख्य उद्देश्य उन सभी स्थानों की पहचान करना है, जहां कूड़े का उचित प्रबंधन नहीं हो रहा और पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।
अभियान की शुरुआत और उद्देश्य:
हरियाली और स्वच्छता, ग्रेटर नोएडा की मूल पहचान है। इस विशेषता को बनाए रखने के लिए प्राधिकरण द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में सीईओ एन. जी. रवि कुमार की पहल पर एसीईओ श्रीलक्ष्मी वी.एस. के नेतृत्व में 8 निरीक्षण टीमों का गठन किया गया। ये टीमें शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित बल्क वेस्ट जेनरेटरों जैसे हाउसिंग सोसायटीज, विश्वविद्यालय, औद्योगिक इकाइयों, और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण कर रही हैं।
टीमों की तैनाती और निरीक्षण विवरण:
गौड़ संस हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर, सेक्टर 4: सलाहकार पी.पी. सिंह के नेतृत्व में वरिष्ठ प्रबंधक चेतराम सिंह व अन्य अधिकारियों ने निरीक्षण किया। यहां कूड़े के प्रबंधन को संतोषजनक पाया गया।
अम्रपाली लेजर वैली, टेकजोन-4: आर.के. जायसवाल के नेतृत्व में की गई जांच में कूड़े के अनुचित प्रबंधन की पुष्टि हुई, जिसके चलते संस्था पर जुर्माना लगाया गया।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, ईकोटेक-2: सलाहकार मोहम्मद फुरकान अली व वरिष्ठ प्रबंधक चरण सिंह की टीम ने निरीक्षण किया और व्यवस्थाएं संतोषजनक पाईं।
शारदा विश्वविद्यालय, नॉलेज पार्क-3: श्रीपाल भाटी के नेतृत्व में टीम ने जांच की और कूड़े के अव्यवस्थित प्रबंधन पर 52,000 रुपये की पेनल्टी लगाई।
एआर लैंडक्राफ्ट, सेक्टर-27 आरईपी: सलाहकार विमल कुमार व संध्या सिंह की टीम ने निरीक्षण के बाद 30,200 रुपये का जुर्माना लगाया।
हल्दीराम स्नैक्स, ईकोटेक-11: राजीव दीक्षित के नेतृत्व में टीम ने निरीक्षण किया। यहां निर्माण कार्य चल रहा था, इसलिए ठोस कचरा प्रबंधन की आवश्यकता फिलहाल नहीं थी।
गोल्डन जीएई इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, म्यू वन सेक्टर: सलाहकार एस.के. जैन के निरीक्षण में यह पाया गया कि संस्थान में निर्माण कार्य प्रगति पर है।
होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड, ईकोटेक-1: सलाहकार रामाधीश पांडे और लव शंकर भारती की टीम को परिसर में कोई कूड़ा या अव्यवस्था नहीं मिली, जो संतोषजनक है।
सतत निरीक्षण की चेतावनी:
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वी.एस. ने सभी बल्क वेस्ट जेनरेटरों से स्पष्ट अपील की है कि वे स्वयं कूड़े का समुचित प्रबंधन करें और प्राधिकरण की हिदायतों का पालन करें। उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल एक बार का निरीक्षण नहीं है, बल्कि भविष्य में भी यह नियमित रूप से जारी रहेगा।
यदि किसी स्थान पर कूड़े के निस्तारण में खामी पाई गई तो सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसका उद्देश्य सिर्फ दंड देना नहीं है, बल्कि स्वच्छता को जनआंदोलन बनाना है जिसमें हर नागरिक की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
नागरिकों से सहयोग की अपील:
प्राधिकरण ने जनसामान्य और संस्थागत व्यवस्थाओं से अपील की है कि वे ग्रेटर नोएडा को एक स्वच्छ, सुंदर और टिकाऊ शहर बनाने में सहभागी बनें। स्वच्छता केवल एक सरकारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सामूहिक सामाजिक दायित्व है। अगर हर संस्था और नागरिक अपने स्तर पर कूड़े का जिम्मेदार प्रबंधन करें, तो ग्रेटर नोएडा स्वच्छता की मिसाल बन सकता है।
निष्कर्ष:
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