थाना जारचा पुलिस ने एक बार फिर अपराध के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया है, जो पहले भी कई गंभीर आपराधिक मामलों में संलिप्त पाया गया है। यह कार्रवाई 27 जून 2025 को लोकल इंटेलिजेंस व गोपनीय सूचना के आधार पर की गई, जिसमें एक अभियुक्त को अवैध शस्त्र सहित गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार किया गया अभियुक्त मोनू पुत्र अहमद है, जिसकी उम्र लगभग 19 वर्ष बताई गई है और वह ग्राम घोड़ी बछेड़ा, थाना दादरी, गौतमबुद्धनगर का रहने वाला है। पुलिस ने उसे थाना जारचा क्षेत्र अंतर्गत एक पुलिया के पास से गिरफ्तार किया, जहां वह संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त पाया गया।
अभियुक्त के पास से क्या बरामद हुआ?
पुलिस ने मोनू के पास से एक देसी तमंचा (.315 बोर) और एक जीवित कारतूस बरामद किया है। यह शस्त्र और कारतूस उसके पास अवैध रूप से था, जिसके संबंध में थाना जारचा में अभियोग पंजीकृत कर कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है।
इस गिरफ्तारी के पीछे पुलिस की लोकल इंटेलिजेंस यूनिट और विश्वस्त स्रोतों की भूमिका अहम रही। सूचना मिलते ही थाना जारचा की सक्रिय टीम ने बिना देर किए तत्काल मौके पर पहुंचकर मोनू को गिरफ्तार कर लिया।
अभियुक्त का आपराधिक इतिहास:
गिरफ्तार अभियुक्त मोनू पहले भी कई गंभीर आपराधिक मामलों में संलिप्त रहा है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार उसके खिलाफ अब तक निम्नलिखित मामले दर्ज हैं:
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मु0अ0सं0 111/2025, धारा 3/25 आर्म्स एक्ट – थाना जारचा, कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर
(यह मामला हालिया गिरफ्तारी से संबंधित है, जिसमें अवैध शस्त्र रखने का आरोप है।)
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मु0अ0सं0 377/2022, धारा 380/411 भादवि – थाना दादरी, कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर
(इस केस में मोनू पर चोरी और चोरी के सामान की खरीद-फरोख्त जैसे संगीन आरोप हैं।)
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मु0अ0सं0 393/2022, धारा 4/25 आर्म्स एक्ट – थाना दादरी, कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर
(इसमें एक बार फिर से अवैध शस्त्र रखने और उसका उपयोग करने की प्रवृत्ति सामने आई थी।)
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मु0अ0सं0 423/2023, धारा 380 भादवि – थाना बीटा-2, कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर
(यह मामला एक अन्य चोरी से जुड़ा हुआ है, जो दर्शाता है कि मोनू का इतिहास संगठित चोरी में भी रहा है।)
इस आपराधिक इतिहास से स्पष्ट है कि मोनू एक शातिर और संगठित अपराधी बनता जा रहा था, जिसे बार-बार कानून का उल्लंघन करने में कोई संकोच नहीं था। उसकी उम्र भले ही 19 वर्ष हो, लेकिन उसके अपराध की प्रकृति कहीं अधिक गंभीर है।
पुलिस का बयान और रणनीति:
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मोनू जैसे अपराधियों के खिलाफ "Zero Tolerance Policy" के तहत लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं।
थाना जारचा के प्रभारी निरीक्षक ने कहा,
“अपराधियों के खिलाफ हमारी टीम सतर्क है। गोपनीय सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई कर ऐसे लोगों को पकड़ने का कार्य जारी रहेगा। मोनू एक आदतन अपराधी है और हम उसके नेटवर्क और संभावित साथियों की भी जांच कर रहे हैं।”
इसके अतिरिक्त, स्थानीय पुलिस फोर्स द्वारा इस मामले में गिरफ्तार अभियुक्त से पूछताछ के बाद यह जानने की कोशिश की जा रही है कि कहीं वह किसी बड़े गिरोह से तो नहीं जुड़ा है। यह भी संभावित है कि वह चोरी और शस्त्रों की तस्करी के रैकेट से जुड़ा हुआ हो।
कमिश्नरेट प्रणाली का असर:
गौतमबुद्धनगर में लागू पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली के अंतर्गत अपराध नियंत्रण के लिए चौकसी और इंटेलिजेंस नेटवर्क को लगातार मजबूत किया जा रहा है।
थाना जारचा जैसी सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में बढ़ते अपराध की रोकथाम के लिए विशेष पेट्रोलिंग, संदिग्ध व्यक्तियों की सूची तैयार करना, और टेक्निकल सर्विलांस का प्रयोग तेजी से हो रहा है।
अगला कानूनी कदम:
अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। आगे की जांच के लिए पुलिस उसकी कॉल डिटेल, मोबाइल डेटा, पुराने अपराधों के लिंक और संभावित साथियों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
समाज में प्रभाव:
इस तरह की गिरफ्तारियों से न केवल कानून व्यवस्था पर आमजन का विश्वास बढ़ता है, बल्कि इससे युवाओं को भी एक सख्त संदेश जाता है कि अपराध का रास्ता अंततः जेल की सलाखों के पीछे ही जाता है।
निष्कर्ष:
अभियुक्त मोनू की गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है।
इससे जहां क्षेत्र में असामाजिक तत्वों के मन में डर पैदा होगा, वहीं आम लोगों को राहत महसूस होगी।
पुलिस की तत्परता और इंटेलिजेंस आधारित कार्रवाई यह दर्शाती है कि गौतमबुद्धनगर पुलिस अपराध के प्रति पूर्णतः सख्त और प्रतिबद्ध है।
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