धाम वृंदावन के परम संत, आनंद मठ और सनातन विश्वविद्यालय एवं गुरुकुल के संस्थापक सदगुरु ऋतेश्वर महाराज का लखनऊ जाते समय एक निजी गेस्ट हाउस में थोड़ी देर के लिए ठहराव हुआ।
वृंदावन के परम संत ऋतेश्वर महाराज का लखनऊ आगमन, सनातन संस्कृति और शिक्षा पर दिया संदेश
धाम वृंदावन के परम संत, आनंद मठ और सनातन विश्वविद्यालय एवं गुरुकुल के संस्थापक सदगुरु ऋतेश्वर महाराज का लखनऊ जाते समय एक निजी गेस्ट हाउस में थोड़ी देर के लिए ठहराव हुआ। इस दौरान उन्होंने उपस्थित गणमान्य लोगों को संबोधित किया और सनातन संस्कृति, शिक्षा, और राष्ट्र की रक्षा के लिए किए जा रहे अपने प्रयासों पर विचार साझा किए।
सनातन विद्या और संस्कृति की महत्ता पर जोर
सदगुरु ऋतेश्वर महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि सनातन विश्वविद्यालय और गुरुकुल एक महत्त्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य न केवल परिवार और राष्ट्र की रक्षा करना है, बल्कि सनातन संस्कृति को पुनः जीवित करना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली, जो मनुष्य को केवल एक यंत्र बनाने का काम करती है, उसका भारत से पूर्णतः समापन होना चाहिए। इसके स्थान पर भारत को सनातन विद्या पद्धति को अपनाकर शांति, प्रेम और आनंद की दिशा में बढ़ना चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि उनके प्रयासों का लक्ष्य है कि भारत पुनः विश्वगुरु बने और ज्ञान के माध्यम से संपूर्ण विश्व को प्रेम और आध्यात्मिकता का मार्ग दिखाए। भारत ही नहीं, बल्कि विश्व का पहला सनातन विश्वविद्यालय, जो काशी में निर्माणाधीन है, इसके संस्थापक सदस्यों में एक करोड़ से अधिक सनातनी जुड़ रहे हैं। उन्होंने आम जनमानस से भी इस गौरव का हिस्सा बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय न केवल भारत के लिए बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए आध्यात्मिक और वैज्ञानिक ज्ञान का प्रकाश स्तंभ बनेगा।
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित हस्तियां उपस्थित रहीं, जिनमें हिंदू युवा वाहिनी के मंडल अयोध्या प्रभारी आशीष सिंह पालीवाल, एसोसिएट डायरेक्टर राकेश सिंह पालीवाल, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ सुल्तानपुर के मीडिया प्रभारी रणवीर सिंह, रोडवेज यूनियन अयोध्या के अध्यक्ष अजय सिंह, इंजीनियर रत्नाकर सिंह, सौरभ सिंह लकी, यतेन्द्र सिंह आदि प्रमुख थे। सदगुरु ऋतेश्वर महाराज ने सभी उपस्थित गणमान्य लोगों को धर्म दंड से आशीर्वाद दिया और सनातन संस्कृति की महत्ता पर बल दिया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने सदगुरु के संदेश को सराहा और उनके प्रयासों को समर्थन देने का संकल्प लिया।
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