उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग ने शहरी क्षेत्रों के परिषदीय स्कूलों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 2,700 से अधिक स्मार्ट क्लास रूम की स्थापना की है। 324.56 करोड़ रुपये की लागत से संचालित इस परियोजना के तहत स्मार्ट सिटी, आकांक्षी नगर, अभ्युदय कॉम्पोजिट स्कूल और कायाकल्प जैसी योजनाओं के अंतर्गत तकनीकी रूप से समृद्ध कक्षाएं बनाई गई हैं। अब तक 1,780 क्लास रूम पूरी तरह तैयार हो चुके हैं। इन क्लास रूम्स में इंटरएक्टिव डिजिटल बोर्ड, मल्टीमीडिया कंटेंट और हाई-स्पीड इंटरनेट जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं, जिससे खासतौर पर निम्न आय वर्ग के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक शिक्षा का लाभ मिल रहा है। इस पहल से प्रदेश के शहरी परिषदीय स्कूलों में नामांकन दर बढ़कर 59.6% हो गई है और छात्रों का शिक्षा के प्रति रुझान भी बढ़ा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुरूप उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग ने शहरी क्षेत्रों के परिषदीय स्कूलों में शिक्षा को डिजिटल और आधुनिक स्वरूप देने की दिशा में बड़ी पहल की है। विभाग द्वारा 324.56 करोड़ रुपये की लागत से राज्यभर में 2,700 से अधिक स्मार्ट क्लास रूम तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें से 1,780 क्लास रूम अब पूरी तरह संचालित हो चुके हैं।

स्मार्ट क्लास रूम्स से निम्न आय वर्ग के बच्चों को डिजिटल शिक्षा का लाभ
इन अत्याधुनिक क्लास रूम्स में इंटरएक्टिव डिजिटल बोर्ड, मल्टीमीडिया लर्निंग कंटेंट और हाई-स्पीड इंटरनेट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे बच्चों को शिक्षा के आधुनिक रूप से जोड़ा जा रहा है। इस पहल से विशेष रूप से निम्न आय वर्ग के छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। स्मार्ट शिक्षा के चलते छात्रों की उपस्थिति और सीखने की क्षमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
स्मार्ट सिटी और अन्य योजनाओं के तहत क्लास रूम्स का निर्माण
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 1,183 स्मार्ट क्लास रूम्स को 160.83 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया, जिनमें से 1,088 कक्षाएं कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त कायाकल्प योजना के तहत 190 कक्षाएं, आकांक्षी नगर योजना में 913 में से 408 कक्षाएं और सीएम अभ्युदय कॉम्पोजिट स्कूल योजना में 25 क्लासरूम्स बनाए जा रहे हैं। वैश्विक नगरोदय योजना और अन्य परियोजनाओं के तहत भी स्मार्ट क्लास रूम निर्माण जारी है।

शहरी स्कूलों में नामांकन दर 60% तक पहुंची
नगर विकास विभाग के अनुसार, इस डिजिटल परिवर्तन का प्रभाव अब स्कूलों के नामांकन आंकड़ों में स्पष्ट दिख रहा है। परिषदीय स्कूलों में नामांकन दर 59.6% तक पहुंच चुकी है, जो राष्ट्रीय औसत से लगभग 15% अधिक है। साथ ही ड्रॉपआउट दर में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया कि यह पहल न केवल शहरी शिक्षा व्यवस्था को तकनीकी रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि बच्चों को भविष्य की चुनौतियों के लिए भी तैयार कर रही है। यह डिजिटल क्रांति उत्तर प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।
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