नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने तालिबान प्रतिनिधि के भारत दौरे के दौरान हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को बाहर किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कड़ा सवाल किया है। प्रियंका ने X (पूर्व Twitter) पर ट्वीट करते हुए लिखा कि यदि सरकार की महिलाओं के अधिकारों की मान्यता केवल चुनावी फायदे के लिए नहीं है, तो भारत की सबसे सक्षम महिलाओं के साथ हुई इस बेइज्जती को कैसे अनुमति दी गई। उन्होंने याद दिलाया कि भारत की महिलाएं देश की रीढ़ और गर्व हैं।

प्रियंका ने सीधे पीएम मोदी से पूछा, “प्रधानमंत्री जी, कृपया स्पष्ट करें कि तालिबान प्रतिनिधि के प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को हटाने के बारे में आपकी स्थिति क्या है। महिलाओं के अधिकार केवल चुनावी पोस्टरिंग नहीं हैं।”
राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने भी इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि इस घटना ने न केवल भारत की नैतिक और कूटनीतिक स्थिति को प्रभावित किया है, बल्कि यह प्रेस की स्वतंत्रता, लैंगिक न्याय और समानता के प्रति भारत की लंबे समय से निभाई जा रही प्रतिबद्धता के लिए गंभीर झटका है। उन्होंने कहा कि यह केवल औपचारिक चूक नहीं बल्कि महिलाओं की भागीदारी और समानता के प्रति लंबे समय से निभाई जा रही प्रतिबद्धताओं का प्रतीकात्मक समझौता है।

बताया जा रहा है कि शुक्रवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसी भी महिला पत्रकार को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई। इस घटना के बाद सोशल मीडिया और पत्रकारों में तीव्र आलोचना हुई। कई विशेषज्ञों और यूजर्स ने इसे भारत की नैतिक और वैश्विक छवि पर सवाल उठाने वाला कदम बताया।
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