लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा का नया सत्र सोमवार से शुरू हुआ। सत्र की शुरुआत में वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया। बजट में विभिन्न विभागों की अतिरिक्त वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रस्ताव शामिल है। विपक्ष ने बजट की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाते हुए चर्चा की मांग की। वहीं, सरकार ने इसे विकास योजनाओं की गति को बनाए रखने के लिए जरूरी बताया। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 15 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। सबसे अहम निर्णय उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड के गठन का रहा, जो कंपनी अधिनियम 2013 की धारा-8 के तहत गैर-लाभकारी पब्लिक लिमिटेड कंपनी होगी।
अब विभाग सीधे एजेंसी का चयन नहीं करेंगे, बल्कि नई कॉरपोरेशन GeM पोर्टल के जरिए पारदर्शी प्रक्रिया से एजेंसियों का पैनल बनाएगी। आउटसोर्स कर्मचारियों को ₹16,000 से ₹20,000 मासिक मानदेय मिलेगा। वेतन हर माह की 1 से 5 तारीख के बीच सीधे बैंक खाते में जाएगा, साथ ही ईपीएफ और ईएसआई का लाभ भी सुनिश्चित होगा। कर्मचारियों की सेवा अवधि तीन साल होगी और उन्हें महीने में 26 दिन कार्य करना होगा।

वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि पहले एजेंसियां पूरा मानदेय और PF-ESI की सुविधा नहीं देती थीं, लेकिन अब यह गड़बड़ी खत्म होगी।
नई व्यवस्था में सामाजिक सुरक्षा और आरक्षण लाभ भी होंगे। अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, दिव्यांगजन, पूर्व सैनिक और महिलाओं को आरक्षण मिलेगा। महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश, सभी को कौशल विकास प्रशिक्षण, और सेवा के दौरान मृत्यु पर परिवार को ₹15,000 अंतिम संस्कार सहायता दी जाएगी।

कैबिनेट ने अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी मंजूर किए—
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लखनऊ और कानपुर में ई-बसें अब नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट मॉडल पर चलेंगी। 9 मीटर लंबी एसी ई-बसें 10–10 रूट पर दौड़ेंगी। अनुबंध 12 साल का होगा और एक रूट की लागत लगभग ₹10.30 करोड़ होगी।
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निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025–30 को मंजूरी मिली, जिसका लक्ष्य 2030 तक पंजीकृत निर्यातकों की संख्या में 50% वृद्धि और सभी जिलों को निर्यात गतिविधियों से जोड़ना है।
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शाहजहांपुर में स्वामी शुकदेवानंद विश्वविद्यालय की स्थापना होगी। मुमुक्षु आश्रम ट्रस्ट की लगभग 20 एकड़ भूमि पर विश्वविद्यालय का निर्माण होगा और इसके अंतर्गत चल रहे पाँच संस्थान उन्नत होंगे।
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