
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा में ट्रंप के नेतृत्व में चल रहे शांति प्रयासों की स्पष्ट सराहना की है और कहा कि भारत स्थायी और न्यायसंगत शांति की दिशा में सभी प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन करता रहेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा संघर्षविराम के लिए 20 सूत्रीय शांति प्रस्ताव तैयार किया, जिसे इस्राइल ने स्वीकार कर लिया है। हमास ने बंधकों की रिहाई और गाजा की सत्ता अन्य फलस्तीनियों को सौंपने की बात मान ली है, जबकि शांति प्रस्ताव के अन्य बिंदुओं पर वे चर्चा के बाद निर्णय लेंगे।
ट्रंप ने हमास को प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए रविवार शाम छह बजे तक का अल्टीमेटम दिया था और धमकी दी कि अस्वीकार करने पर भारी कीमत चुकानी होगी। इसके परिणामस्वरूप हमास 7 अक्तूबर 2023 को बंधक बनाए गए इस्राइली लोगों को रिहा करने के लिए तैयार हो गया। इस्राइल के पास अभी 48 बंधक हैं, जिनमें से करीब 20 की मौत हो चुकी है। 72 घंटे के भीतर बंधकों की रिहाई सुनिश्चित की जाएगी। इसके बदले में इस्राइल गाजा में हमले रोकने और सेना की चरणबद्ध वापसी के लिए तैयार हो गया है।
ट्रंप की 20 सूत्रीय योजना में गाजा को आतंक मुक्त क्षेत्र बनाने, पुनर्निर्माण और विकास कार्य शुरू करने, बंधकों को रिहा करने, फलस्तीनी कैदियों की रिहाई, हमास सदस्यों को माफी, व्यापक मानवीय सहायता, प्रशासनिक नियंत्रण फलस्तीनी तकनीकी विशेषज्ञों को देने, आर्थिक पुनर्निर्माण और विशेष आर्थिक क्षेत्रों की स्थापना, धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से चरमपंथ से दूर करने, अमेरिका और सहयोगी देशों की मदद से सुरक्षा बल तैनात करने, और भविष्य में स्थायी राजनीतिक समाधान की दिशा में बातचीत आगे बढ़ाने जैसे प्रमुख बिंदु शामिल हैं। इस योजना का उद्देश्य गाजा में स्थायी शांति, पुनर्निर्माण और वैश्विक स्तर पर सुरक्षा एवं समृद्धि सुनिश्चित करना है। पीएम मोदी ने इस महत्वपूर्ण कदम को गाजा में शांति स्थापित करने और क्षेत्रीय स्थिरता बढ़ाने की दिशा में निर्णायक बताया।
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