देश के नाम संबोधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर सेना के जवानों के बीच पहुंचे और उनका हौसला बढ़ाया। मंगलवार को प्रधानमंत्री पंजाब के आदमपुर एयरबेस पर पहुंचे, जहाँ उन्होंने भारतीय वायुसेना और अन्य बलों के जवानों से सीधा संवाद किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदमपुर एयरबेस पहुंचे, जवानों के साथ मनोबल बढ़ाया; ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भारत का पाक को करारा जवाब
नई दिल्ली/आदमपुर (पंजाब), 13 मई 2025
देश के नाम संबोधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर सेना के जवानों के बीच पहुंचे और उनका हौसला बढ़ाया। मंगलवार को प्रधानमंत्री पंजाब के आदमपुर एयरबेस पर पहुंचे, जहाँ उन्होंने भारतीय वायुसेना और अन्य बलों के जवानों से सीधा संवाद किया। पीएम मोदी ने न केवल जवानों से बातचीत की, बल्कि उनके साथ सेल्फी लेकर एक भावनात्मक जुड़ाव भी दिखाया। यह दौरा ऐसे समय हुआ है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं और भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से आतंकियों को करारा जवाब
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया था। इस हमले के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इस अभियान के तहत भारतीय सुरक्षा बलों ने न केवल आतंकियों का सफाया किया, बल्कि उनके मददगार नेटवर्क को भी तहस-नहस कर दिया। सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में आधुनिक हथियारों और ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान की सीमा में घुसपैठ करने वाले आतंकियों को निशाना बनाया गया।
पाकिस्तान की नापाक साजिशें नाकाम
पाकिस्तान की ओर से भारत में ड्रोन और मिसाइल हमलों की कई कोशिशें की गईं। परन्तु भारतीय वायुसेना और थल सेना की तत्परता के चलते ये प्रयास सफल नहीं हो पाए। जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में सोमवार की रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी ड्रोनों को इंटरसेप्ट कर हवा में ही नष्ट कर दिया। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि ये ड्रोन हथियार और विस्फोटक लेकर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे।
पीएम मोदी का राष्ट्र को संदेश: अब बर्दाश्त नहीं होगी ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग’
सोमवार रात राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब भारत किसी भी प्रकार की परमाणु धमकी या ब्लैकमेलिंग को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते। उनका यह बयान स्पष्ट रूप से पाकिस्तान को चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही, उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दिए गए मध्यस्थता के बयान को भी खारिज करते हुए भारत की संप्रभुता और निर्णय क्षमता को रेखांकित किया।

पीएम मोदी ने कहा, “भारत अब नई नीति और नई रणनीति के साथ काम कर रहा है। आतंकवादियों के मददगार देशों को भी अब जवाब मिलेगा। आतंक का कोई धर्म नहीं, लेकिन आतंक को पालने वालों को हम पहचानते हैं। यदि सीमा पार से कोई हमारे देश की तरफ आंख उठाकर भी देखेगा, तो जवाब उसके घर तक जाएगा।”
सेना के साथ खड़ा राष्ट्र
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा केवल एक राजनीतिक संदेश नहीं बल्कि भावनात्मक एकता और सामरिक दृढ़ता का प्रतीक है। आदमपुर एयरबेस पर उन्होंने सैनिकों से संवाद करते हुए कहा कि देश की जनता, सरकार और हर संस्था सेना के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा, “आप देश की रक्षा में तैनात हैं, हम आपकी रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। जब आप सीमा पर जागते हैं, तभी देश चैन की नींद सोता है।”
इस अवसर पर उन्होंने जवानों के साथ भोजन किया, सेल्फी ली और लंबा संवाद भी किया। उन्होंने सैनिकों से उनकी जरूरतें, सुझाव और अनुभवों को भी सुना, जिससे यह संकेत गया कि सरकार केवल नीति निर्माण तक सीमित नहीं, बल्कि धरातल पर भी सक्रिय है।
अंतरराष्ट्रीय संकेत और कूटनीतिक संदेश
प्रधानमंत्री के इस दौरे और संबोधन का असर केवल घरेलू मोर्चे तक सीमित नहीं है। यह पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश है कि भारत अब हर स्तर पर जवाब देने को तैयार है — चाहे वह सैन्य हो, कूटनीतिक हो या आर्थिक। इसके अलावा, अमेरिका, चीन और अन्य वैश्विक शक्तियों को भी यह स्पष्ट संकेत गया है कि भारत अब अपने सुरक्षा हितों से समझौता नहीं करेगा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रधानमंत्री का यह बयान ‘न्युक्लियर डिटरेंस’ की परंपरागत परिभाषा को चुनौती देता है। भारत ने दुनिया के सामने यह स्पष्ट कर दिया है कि परमाणु हथियार अब डराने का माध्यम नहीं रहेंगे।
सीजफायर पर भारत की स्थितिपाकिस्तान की ओर से आए सीजफायर प्रस्ताव पर भारत ने फिलहाल सैन्य कार्रवाई रोकने का निर्णय लिया है, लेकिन आतंकी गतिविधियों और उनके नेटवर्क के खिलाफ ऑपरेशन जारी रहेगा। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि बातचीत तब तक संभव नहीं जब तक आतंकी हमले बंद नहीं होते।
निष्कर्ष: सेना का मनोबल और जनता का समर्थनप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आदमपुर एयरबेस दौरा न केवल भारतीय सेना के मनोबल को बढ़ाने वाला कदम है, बल्कि यह पूरे देश को एकजुट करने वाला क्षण भी है। उनके संदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब ‘नरमी’ की नीति से आगे बढ़ चुका है और अब हर हमले का जवाब उसी भाषा में दिया जाएगा।
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