सोनभद्र में प्लास्टिक मुक्त गांव बनाने के लिए अभियान शुरू किया गया है। ग्रामीणों को प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जा रहा है और प्लास्टिक के निस्तारण के उपाय समझाए जा रहे हैं।
सोनभद्र जिले में अब प्लास्टिक मुक्त गांव बनाने के लिए बड़ा अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीणों को प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना और सही तरीके से प्लास्टिक का निस्तारण करना है। शनिवार को चयनित गांवों में बैठकें आयोजित की गईं, जहां ग्रामीणों को इस अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया और गांवों में बिखरे प्लास्टिक को एकत्रित करने का काम भी शुरू किया गया।
चतरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत पकरहट में एडीओ पंचायत कौशलेंद्र विक्रम सिंह और जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन अनिल केशरी ने ग्राम प्रधान पंकज सिंह की उपस्थिति में बैठक की। इस दौरान ग्रामीणों को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया और इसके सही निस्तारण के उपाय समझाए गए।

अनिल केशरी ने कहा, "जो प्लास्टिक हम बाहर फेंकते हैं, वह पर्यावरण को प्रदूषित करता है। हमें प्लास्टिक का उपयोग कम करना चाहिए और उपयोग के बाद उसे एक बोरी में इकट्ठा करना चाहिए।" इस अभियान के तहत पकरहट पंचायत से दो चरणों में 83 किलो प्लास्टिक एकत्र कर आरआरसी (रिसोर्स रिकवरी सेंटर) भेजा गया।
बैठक में खंड प्रेरक आलोक पांडेय, पंचायत सहायक अखिलेश यादव, रोजगार सेवक संजय सिंह समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे।
दूसरी ओर, दुद्धी ब्लॉक के 10 चयनित गांवों में से छह ग्राम पंचायतों में भी खुली बैठकें आयोजित की गईं। इन बैठकों में ग्रामीणों को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से समझाया गया और गांवों को प्लास्टिक मुक्त बनाने की अपील की गई। इन गांवों में कटौंधी, जावर, कोलिन डूभा, घोरपा, नगवा और जाताजुआ शामिल हैं। इन बैठकों में एडीओ पंचायत आशुतोष श्रीवास्तव, जिला समन्वयक अनिल केशरी, ग्राम प्रधान बसंती देवी, सचिव घनश्याम आदि भी उपस्थित रहे।
इस अभियान के माध्यम से सोनभद्र जिले को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है, जो पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
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