नोएडा। स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाते हुए रविवार को नोएडा के सेक्टर-36 में एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। यह रैली न सिर्फ सफाई के प्रति लोगों की सोच को बदलने के उद्देश्य से निकाली गई, बल्कि स्थानीय निवासियों में स्वच्छता को लेकर जिम्मेदारी का भाव जगाने का प्रयास भी किया गया।
इस जागरूकता रैली की शुरुआत सुबह सेक्टर-36 के सामुदायिक केंद्र से हुई। रैली में भारी संख्या में स्थानीय लोग, आरडब्ल्यूए के सदस्य, सामाजिक संगठन फीडबैक फाउंडेशन के कार्यकर्ता और स्थानीय प्रशासन से जुड़े अधिकारी शामिल हुए। इस अवसर पर सेक्टर-36 के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष सूरज नगर सुनील, ग्राम प्रधान, फीडबैक फाउंडेशन से संजय शुक्ला और स्थानीय थाना सेक्टर-39 के एसआई नीरज कुमार विशेष रूप से मौजूद रहे।

उद्देश्य और संदेश
इस रैली का मुख्य उद्देश्य था – क्षेत्र में स्वच्छता को बढ़ावा देना, लोगों को खुले में कूड़ा न फेंकने के लिए प्रेरित करना, और घरों में ही कचरे के पृथक्करण (segregation)
को अपनाने की सलाह देना। रैली के दौरान स्लोगन और पोस्टरों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया गया। “स्वच्छता अपनाएं – बीमारियों को दूर भगाएं”, “कूड़ा कूड़ेदान में डालें – शहर को स्वच्छ बनाएं” जैसे नारों से गूंज उठी सड़कों ने स्थानीय लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
आरडब्ल्यूए अध्यक्ष का बयान
आरडब्ल्यूए अध्यक्ष सूरज नगर सुनील ने कहा, “स्वच्छता सिर्फ नगर निगम या प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। अगर हम अपने घर और आसपास का वातावरण साफ रखेंगे, तभी समाज और शहर स्वच्छ बन पाएगा। हमें अपने बच्चों को भी इसकी शिक्षा देनी चाहिए ताकि वह बचपन से ही स्वच्छता के महत्व को समझ सकें।”
फीडबैक फाउंडेशन की भूमिका
फीडबैक फाउंडेशन के प्रतिनिधि संजय शुक्ला ने बताया कि उनकी संस्था लंबे समय से शहर में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य कर रही है। संस्था का मुख्य उद्देश्य है कि लोग अपने कूड़े को ‘गीले’ और ‘सूखे’ कचरे के रूप में अलग करें और उसे नियमित रूप से संबंधित वाहन को दें, जिससे कूड़ा प्रबंधन में सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि जब तक आम नागरिक जागरूक नहीं होंगे, तब तक कोई भी सरकारी योजना पूरी तरह सफल नहीं हो सकती।

पुलिस प्रशासन की सहभागिता
इस रैली में एसआई नीरज कुमार की मौजूदगी भी उल्लेखनीय रही। उन्होंने लोगों से अपील की कि स्वच्छता का सीधा संबंध कानून-व्यवस्था से भी है। गंदगी से जहां बीमारी फैलती है, वहीं कई बार यह अपराधों को भी जन्म देती है। उन्होंने कहा, “यदि हम अपने आसपास साफ-सफाई रखेंगे, तो एक सुरक्षित वातावरण भी विकसित होगा। पुलिस हमेशा ऐसे सामाजिक कार्यों में भागीदार बनकर समाज को बेहतर दिशा देने में विश्वास रखती है।”
बच्चों और युवाओं की भागीदारी
रैली में सबसे अधिक उत्साह बच्चों और युवाओं में देखने को मिला। उन्होंने हाथों में रंग-बिरंगे पोस्टर लेकर लोगों को संदेश दिया। कुछ बच्चों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कूड़ा प्रबंधन और सफाई की आवश्यकता को दर्शाया। यह दृश्य इतना प्रभावशाली था कि सड़क के किनारे खड़े लोग भी रुककर उन्हें सुनने और समझने लगे।
स्थानीय महिलाओं की सक्रिय भूमिका
सेक्टर की महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि घर में महिलाएं अगर कूड़े को अलग-अलग करना शुरू कर दें और बच्चों को छोटी उम्र से ही सफाई की शिक्षा दें, तो समाज में बड़ा परिवर्तन आ सकता है। एक महिला प्रतिभागी रेखा शर्मा ने कहा, “हम रोज कचरा निकालते हैं, लेकिन अगर यह सोचें कि यह दूसरों की जिम्मेदारी है, तो सफाई कभी नहीं हो सकती। सफाई अपने घर से शुरू होती है।”
रैली में मौजूद लोगों ने नगर प्रशासन से यह अपील भी की कि कूड़ा उठाने वाले वाहनों की समयबद्ध सेवा सुनिश्चित की जाए और गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जाए। कई लोगों ने यह भी कहा कि सफाई को लेकर आमजन के साथ संवाद बनाए रखना जरूरी है, ताकि लोगों को यह एहसास हो कि यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।

आगे की योजना
फीडबैक फाउंडेशन और सेक्टर-36 की आरडब्ल्यूए ने मिलकर यह तय किया है कि महीने में कम से कम एक बार सफाई और जागरूकता से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही स्कूलों और कॉलेजों में जाकर युवाओं को इसके लिए प्रेरित किया जाएगा। आरडब्ल्यूए अध्यक्ष ने यह भी बताया कि जल्द ही एक "स्वच्छता वॉलंटियर टीम" का गठन किया जाएगा जो क्षेत्र में साफ-सफाई और कचरे के निपटान पर नियमित निगरानी रखेगी।
सेक्टर-36 में हुई यह रैली न सिर्फ एक प्रतीकात्मक कार्यक्रम थी, बल्कि यह स्थानीय लोगों के बीच एक मजबूत संदेश छोड़ गई कि अगर हम सब मिलकर काम करें, तो अपने शहर को स्वच्छ, सुंदर और स्वस्थ बना सकते हैं। यह पहल अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकती है। स्वच्छता सिर्फ सरकारी योजना नहीं, बल्कि यह हर नागरिक का कर्तव्य है – यही संदेश इस रैली के माध्यम से पूरे शहर तक पहुंचा।
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