उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में पढ़ने वाली बेटियों के लिए जो ‘पंख पोर्टल’ शुरू किया है, वह केवल एक तकनीकी प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि बेटियों की सोच, साहस और सफलता को दिशा देने वाला डिजिटल मिशन बन गया है। यह पहल उन गांव-देहात की छात्राओं को करियर चुनने, योजना बनाने और खुद पर भरोसा करने की वह शक्ति दे रही है, जो पहले केवल बड़े शहरों में संभव मानी जाती थी।
इंजीनियरिंग से लेकर उद्यमिता, चिकित्सा से लेकर संगीत, और पेंटिंग से लेकर पब्लिक स्पीकिंग तक — केजीबीवी की बेटियां अब उन करियर विकल्पों को केवल देख नहीं रहीं, उन्हें समझ और चुन भी रही हैं। प्रत्येक स्कूल में बना कैरियर कॉर्नर अब सीखने का जीवंत मंच है, जहाँ प्रशिक्षित शिक्षिकाएं, माइंड मैप्स और संवाद आधारित कार्ड्स की मदद से छात्राओं को न केवल गाइड कर रही हैं, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी मजबूती दे रही हैं।
छात्राएं जब अपनी करियर डायरी में लक्ष्य लिखती हैं, तो वह केवल एक पंक्ति नहीं होती, बल्कि उसके सपनों की पहली मजबूत ईंट होती है। ‘पंख पोर्टल’ उन्हें यह समझा रहा है कि चुनौतियां कैसी भी हों, सही मार्गदर्शन और रणनीति से हर मंज़िल पाई जा सकती है। यूनिसेफ के सहयोग से बने इस प्लेटफॉर्म की निगरानी जिला से लेकर राज्य स्तर तक की जा रही है, जिससे हर बेटी को व्यक्तिगत मार्गदर्शन मिल सके।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह कहते हैं, “हम केवल शिक्षा नहीं दे रहे, हम बेटियों को पहचान, पंख और उड़ान दे रहे हैं। ‘पंख पोर्टल’ उनके सपनों को जमीन और दिशा दोनों दे रहा है। यह सिर्फ एक वेबसाइट नहीं, यह एक चेतना है — जो हर बेटी को यह कहने का साहस देती है कि ‘अब मैं अपनी राह खुद चुनूंगी और पूरी दुनिया मेरा आकाश होगी।’”
अब पंख सिर्फ पक्षियों के नहीं, बेटियों के भी हैं।