पूर्वोत्तर भारत के पांच राज्यों — मणिपुर, मिजोरम, असम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा — में बीते तीन दिनों से हो रही मूसलधार बारिश ने भयंकर तबाही मचाई है। भारी वर्षा के कारण कई क्षेत्रों में भूस्खलन, नदियों का उफान और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और 12,000 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं। कई घर जमींदोज हो गए हैं और हजारों लोग बेघर होकर राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इन राज्यों में रेड अलर्ट जारी किया है। राज्य प्रशासन और आपदा राहत बल राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं, लेकिन हालात अब भी गंभीर बने हुए हैं। आने वाले दिनों में और बारिश की चेतावनी दी गई है।
कहीं मकान जमींदोज हो रहे हैं, कहीं सड़कें गायब हो चुकी हैं। कहीं माँ अपने बच्चों को मलबे से ढूंढ़ रही है, तो कहीं बाढ़ की लहरों में घर बह गए हैं। देश के पूर्वोत्तर में मानसून ने समय से पहले दस्तक देकर तबाही की एक खौफनाक इबारत लिख दी है।"
पिछले तीन दिनों में, मणिपुर, मिजोरम, असम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया कि लोगों के घर-परिवार, सपने, ज़िंदगी सब कुछ जलप्रलय में बहते नज़र आए। अब तक 19 लोग जान गंवा चुके हैं, और 12,000 से ज्यादा परिवार इस बर्बादी की मार झेल रहे हैं।
☔ मिजोरम: पहाड़ दरके, घर मिटे
लॉन्गतलाई में भूस्खलन से पांच घर और एक होटल मलबे में बदल गए। राष्ट्रीय राजमार्ग-54 बंद हो गया। राहत कार्यों में वाईएलए, एसडीआरएफ और भारतीय रिजर्व बटालियन जुटी है। मिजोरम अब राजधानी से कटा हुआ है।
🌊 असम: बाढ़ की चपेट में 12,000 लोग
कामरूप में पांच लोगों की मौत, गुवाहाटी और सिलचर जैसे शहर पानी में डूबे। लखीमपुर में रिंग बांध टूटा। 90 से 134 मिमी तक बारिश, अगले दिनों के लिए आईएमडी का रेड अलर्ट।
🏔️ अरुणाचल प्रदेश: ज़मीन फटी, जिंदगी थमी
भारी भूस्खलन में 9 लोगों की जान गई, जिनमें पूर्वी कामेंग में सात और लोअर सुबनसिरी में दो मजदूर शामिल हैं। सिगिन नदी उफान पर, 100 से ज्यादा परिवार प्रभावित।
💦 त्रिपुरा: नदी ने लील ली जान
जिरानिया में एक युवक की डूबने से मौत। 106 घर बर्बाद, सैकड़ों लोग राहत शिविरों में पहुंचे। हावड़ा नदी का जलस्तर 10.01 मीटर तक पहुंचा। कई जिले अंधेरे में, सड़कें पेड़ों से जाम।
⚠️ मणिपुर: चेतावनी स्तर पर नदियां
नम्बुल, इरिल और नम्बोल नदियों का जलस्तर चेतावनी के पार। इंफाल में पानी घरों तक घुसा। टेंग्नौपाल, सेनापति और तामेंगलोंग में सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई।
🌧️ आगे क्या?
मौसम विभाग ने साफ किया है कि 1 से 5 जून तक बारिश का कहर जारी रहेगा। पूर्वी सियांग, दिबांग घाटी और पश्चिमी कामेंग जैसे जिले बाढ़ की सीधी मार में हैं।
निष्कर्ष:
यह सिर्फ शुरुआत हो सकती है। पूर्वोत्तर अब एक बड़े मानवीय संकट की दहलीज पर खड़ा है। सवाल है—क्या हमारा आपदा तंत्र इस आपदा से निपटने को तैयार है? या फिर अगले कुछ दिनों में और काली खबरें आने वाली हैं?
COMMENTS