बहरोड़ के पूर्व विधायक बलजीत यादव के खिलाफ ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें उनकी 10 संपत्तियों पर छापेमारी की गई। उन पर सरकारी स्कूलों में घटिया क्रिकेट सामान की आपूर्ति करने का आरोप है, जिससे 3 करोड़ 72 लाख रुपये का घोटाला हुआ है। ईडी ने पीएमएलए एक्ट के तहत यह कार्रवाई की, और पहले एसीबी ने भी इस मामले में मुकदमा दर्ज किया था। पूर्व विधायक के खिलाफ जल जीवन मिशन घोटाले में भी संलिप्तता के आरोप हैं।
पूर्व विधायक बलजीत यादव पर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की बड़ी कार्रवाई जारी है। बहरोड़ से जुड़े इस विवादित मामले में, जहां बलजीत यादव पर सरकारी स्कूलों में घटिया क्रिकेट सामान आपूर्ति करने का आरोप है, ईडी ने उनके 10 ठिकानों पर छापेमारी की है। जयपुर, दौसा और अलवर में चल रही इस कार्रवाई ने एक बड़े घोटाले का खुलासा किया है, जिसमें 3 करोड़ 72 लाख रुपये का गबन सामने आ रहा है।
क्या है घोटाले की पूरी कहानी?
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, बलजीत यादव ने कुछ कंपनियों के साथ मिलकर सरकारी स्कूलों में घटिया क्रिकेट सामग्री सप्लाई की थी। इस गड़बड़ी में बालाजी कंपनी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी का हाथ सामने आया है, जिसके जरिए यह सामान सप्लाई किया गया। पहले इस मामले में एसीबी ने एफआईआर दर्ज की थी, और अब पीएमएलए (प्रवर्तन निदेशालय) एक्ट के तहत इस पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
सामान्य जनता से लेकर राजनीति तक, मामला गंभीर
बहरोड़ के पूर्व विधायक बलजीत यादव की छवि राजनीति में पहले से ही विवादित रही है। विधानसभा में भ्रष्टाचार के खिलाफ काले कपड़े पहनकर आंदोलन करने वाले यादव पर बल्ला चोर के आरोप भी लगाए गए थे, जो चुनाव से पहले चर्चा का विषय बन गए थे। अब, उनका नाम इस बड़े घोटाले में भी जुड़ गया है, जिससे उनकी राजनीति और भविष्य दोनों पर सवाल उठने लगे हैं।
जल जीवन मिशन घोटाले में भी संदिग्ध भूमिका
इतना ही नहीं, बलजीत यादव का नाम जल जीवन मिशन घोटाले में भी सामने आया है, जिससे उनकी भूमिका और कामकाज पर और भी सवाल खड़े हो रहे हैं। फिलहाल, ईडी की टीम उनके ठिकानों पर कार्रवाई कर रही है और इस मामले में गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।
इस सब के बीच, बहरोड़ के पूर्व विधायक की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं और अब यह देखना होगा कि इस छापेमारी के बाद किस नए मोड़ पर यह मामला पहुंचता है।
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