इजरायल ने ईरान के मिसाइल कारखानों और उसके रक्षामंत्रालय को निशाना बनाते हुए रात भर 60 फाइटर जेटों से बम बरसाया
तेहरान।
पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक समीकरण एक बार फिर उथल-पुथल में हैं। इजरायल और ईरान के बीच चल रहे तनाव ने अब गंभीर रूप ले लिया है। 20 जून 2025 की रात, इजरायल ने ईरान की राजधानी तेहरान पर अभूतपूर्व हवाई हमला किया, जिसे 21वीं सदी का अब तक का सबसे आक्रामक और विनाशकारी सैन्य ऑपरेशन माना जा रहा है।
इजरायली वायुसेना ने दावा किया है कि उसने इस ऑपरेशन में 60 से अधिक फाइटर जेट्स का प्रयोग करते हुए ईरान के परमाणु संयंत्रों, रक्षा मंत्रालय, मिसाइल निर्माण इकाइयों और सामरिक अनुसंधान केंद्रों पर लगभग 120 महाविनाशकारी बम गिराए।
हमले की पुष्टि इजरायली वायुसेना ने की
इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने अपने आधिकारिक X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट से हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि यह कार्रवाई पूरी तरह योजनाबद्ध थी और इसका उद्देश्य ईरान की उन संरचनाओं को नष्ट करना था जो भविष्य में इजरायल के खिलाफ सामरिक खतरा बन सकती थीं।
इजरायली वायुसेना के बयान के अनुसार, यह हमला सिर्फ एक जवाबी कार्रवाई नहीं बल्कि रणनीतिक प्री-एंप्टिव स्ट्राइक थी, जिससे ईरान की सैन्य और तकनीकी क्षमता को पीछे धकेल दिया गया।
120 बम, 60 फाइटर जेट्स, और दर्जनों लक्ष्य
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हमला गुरुवार की देर रात शुरू हुआ और शुक्रवार तड़के तक चला। इस दौरान IAF (Israeli Air Force) ने F-35, F-16 और F-15I रैम जैसे एडवांस फाइटर विमानों का इस्तेमाल किया। इन विमानों ने तेहरान और इस्फहान क्षेत्र के चुनिंदा सैन्य और रणनीतिक अड्डों पर लगभग 120 गाइडेड और स्मार्ट बमों से हमला किया।
प्राथमिक लक्ष्यों में शामिल थे:
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ईरान का रक्षा मंत्रालय
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परमाणु कार्यक्रम से जुड़े औद्योगिक केंद्र
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मिसाइल निर्माण इकाइयां
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ड्रोन निर्माण और लॉन्च ठिकाने
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‘स्पांड’ मुख्यालय – जो सैन्य अनुसंधान व हथियार विकास का केंद्र माना जाता है।
‘स्पांड’ मुख्यालय पर सीधा प्रहार
इस हमले का एक अहम पहलू था तेहरान स्थित स्पांड (SPAND) मुख्यालय। यह केंद्र ईरान की सेना की उन्नत तकनीकी अनुसंधान, रॉकेट टेक्नोलॉजी और रक्षा नवाचार से जुड़ी परियोजनाओं के लिए जिम्मेदार था।
इजरायली सेना के अनुसार, इस पर सीधा और अत्यंत सटीक हमला किया गया जिससे इसकी पूरी संरचना मलबे में तब्दील हो गई।
ईरान के मिसाइल इंफ्रास्ट्रक्चर को ध्वस्त किया गया
IAF के प्रवक्ता ने बताया कि इस ऑपरेशन में ईरान के मिसाइल निर्माण ढांचे को भी गंभीर क्षति पहुंचाई गई है। इसमें मिसाइलों के इंजन निर्माण प्लांट, लॉन्च कंट्रोल सिस्टम, रॉ मटीरियल स्टोरेज साइट्स और कई प्रोडक्शन फैक्ट्रियां शामिल थीं।
इजरायली रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमला ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर सीधा प्रहार है।
ईरान के रडार सिस्टम और एयर डिफेंस भी हुए ध्वस्त
हमले के एक अन्य अहम हिस्से में इजरायली वायुसेना ने तेहरान और इस्फहान में मौजूद ईरान के रडार नेटवर्क और वायु रक्षा प्रणालियों (Air Defense Systems) को निशाना बनाया।
IAF ने बताया कि ये रडार सिस्टम इजरायली विमानों को डिटेक्ट करने और उन्हें निशाना बनाने के लिए सक्रिय थे, लेकिन हमले के प्रारंभिक चरण में ही इन्हें निष्क्रिय और नष्ट कर दिया गया।
इसी दौरान, ईरान ने अपने चार ड्रोन हमले के जवाब में लॉन्च किए थे जिन्हें आकाश में ही इंटरसेप्ट कर गिरा दिया गया।
दुनिया देख रही वीडियो फुटेज
इजरायली सेना ने इस ऑपरेशन का एक वीडियो फुटेज भी सार्वजनिक किया है, जिसमें बमबारी, विस्फोट और ध्वस्त संरचनाएं साफ देखी जा सकती हैं। वीडियो ने वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक हलचलों को और तेज कर दिया है।
ईरान की प्रतिक्रिया का इंतजार
ईरान सरकार की ओर से अभी तक इस हमले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, ईरानी मीडिया और कई सैन्य विशेषज्ञ इसे "घोषित युद्ध" की संज्ञा दे रहे हैं।
कुछ अपुष्ट रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ईरानी सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है और पश्चिमी ईरान की सीमा पर तैनात फौजों को अलर्ट मोड में डाल दिया गया है।
क्या यह पश्चिम एशिया के युद्ध की शुरुआत है?
राजनीतिक और सामरिक विश्लेषक मानते हैं कि यह हमला मध्य-पूर्व में एक बड़े संघर्ष की शुरुआत हो सकता है। अमेरिका, रूस, चीन और संयुक्त राष्ट्र की नजरें अब ईरान की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।
इस संघर्ष का असर न केवल पश्चिम एशिया, बल्कि पूरी दुनिया की तेल आपूर्ति, व्यापारिक मार्गों और वैश्विक स्थिरता पर पड़ सकता है।
भारत की चिंता बढ़ी
भारत सरकार की ओर से भी स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है। भारत के विदेश मंत्रालय ने सभी भारतीय नागरिकों से ईरान और इजरायल क्षेत्र में यात्रा टालने की सलाह दी है। इसके अलावा, तेहरान और तेल अवीव में स्थित भारतीय दूतावासों को आपात स्थिति प्रबंधन के निर्देश दिए गए हैं।
निष्कर्ष: इतिहास का निर्णायक मोड़?
इजरायल का यह हमला केवल सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि एक स्पष्ट और आक्रामक संदेश है— कि वह अपनी सुरक्षा के नाम पर किसी भी सीमा को पार कर सकता है।
अब अगला कदम ईरान का होगा, और वही तय करेगा कि यह संघर्ष सीमा तक सीमित रहेगा या पूर्ण युद्ध का रूप लेगा। किया है।
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