उत्तर प्रदेश के रामपुर की किरा ग्राम पंचायत ने 85 घन मीटर क्षमता वाले बायोगैस प्लांट से ऊर्जा क्रांति का शुभारंभ किया है, जिससे बिजली, आय, रोजगार और पर्यावरण—सबका संतुलन साधा जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के रामपुर जनपद की शाहाबाद तहसील स्थित किरा ग्राम पंचायत ने पंचायती राज विभाग की अभिनव पहल के तहत आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। यहाँ स्थापित 85 घन मीटर क्षमता वाले बायोगैस प्लांट ने ग्रामीण जीवन में ऊर्जा क्रांति ला दी है।
प्रतिदिन लगभग 51 किलो बायोगैस उत्पादन से संचालित जेनरेटर अब तक 25,200 यूनिट बिजली पैदा कर चुका है। इससे पंचायत को ₹2.5 लाख की सीधी बचत हुई है। यह बिजली खेती, सिंचाई, चारा मशीन, सामुदायिक भवन और अन्य ग्रामीण आवश्यकताओं में काम आ रही है।

बचत के साथ-साथ पंचायत को ₹53,000 की अतिरिक्त आय भी प्राप्त हुई है, जिसे स्थानीय विकास कार्यों में लगाया गया। वहीं, ऑयल प्रेस मशीन से किसानों की सरसों से शुद्ध तेल निकाला जा रहा है, जिससे ग्रामीण उत्पादों की ब्रांडिंग व विपणन को नई दिशा मिली है। इस पहल से महिलाओं और युवाओं को रोजगार भी मिला है।
बायोगैस से निकलने वाले अवशेष को जैविक खाद के रूप में उपयोग किया जा रहा है, जिससे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता घटी है और किसान प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित हुए हैं।

पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने इस मॉडल को प्रदेश के लिए प्रेरणादायी बताया, वहीं निदेशक अमित सिंह ने इसे “सशक्त पंचायत, आत्मनिर्भर गांव, मजबूत राष्ट्र” का सजीव उदाहरण कहा। प्रशिक्षित युवाओं की टीम इस प्लांट को चला रही है, जिसने गाँव को आत्मनिर्भर और सतत विकास की मिसाल बना दिया है।
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