दीपावली से पहले उत्तर प्रदेश में आयोजित स्वदेशी मेलों ने स्थानीय कारीगरों, हस्तशिल्पियों और उद्यमियों को आर्थिक मजबूती और सामाजिक सम्मान के नए अवसर प्रदान किए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से प्रदेश में आयोजित हो रहे “स्वदेशी मेले” दीपावली से पहले स्थानीय कारीगरों, हस्तशिल्पियों और उद्यमियों को नई उड़ान दे रहे हैं। यह पहल न केवल आर्थिक मजबूती प्रदान कर रही है, बल्कि सामाजिक सम्मान और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। मुख्यमंत्री योगी का स्पष्ट संदेश है कि स्वदेशी सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की जीवनशक्ति है।
स्वदेशी मेलों का मुख्य उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करना है। मेले में हस्तशिल्पियों और कारीगरों को सीधे उपभोक्ताओं से जुड़ने का अवसर मिल रहा है, जिससे उत्पाद की गुणवत्ता और मूल्य में पारदर्शिता सुनिश्चित हो रही है। दीपावली के अवसर पर आयोजित इन मेलों में हथकरघा, खादी, ग्रामोद्योग, माटी कला और रेशम जैसी पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन किया जा रहा है। लोकगीत, लोकनृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से सांस्कृतिक रंगत भी बढ़ाई जा रही है।

इस पहल से जनपद स्तर पर करोड़ों रुपए का व्यापार होने की संभावना है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे, महिला उद्यमियों को नई पहचान मिलेगी, और युवाओं में उद्यमशीलता की भावना को बल मिलेगा। उपभोक्ताओं को जीएसटी में छूट, दीपावली ऑफर और विशेष रियायतों का लाभ भी मिल रहा है। उद्योग विभाग, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड, माटी कला बोर्ड, हथकरघा विभाग, रेशम विभाग, ग्रामीण आजीविका मिशन, ओडीओपी, सीएम युवा और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लाभार्थियों को निःशुल्क स्टॉल उपलब्ध कराए गए हैं।

स्वदेशी मेले “स्वदेशी उत्पाद अपनाएं, उत्तर प्रदेश को सशक्त बनाएं” के नारे को जीवंत कर प्रदेश की अर्थव्यवस्था, संस्कृति और युवा उद्यमिता को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।
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